सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियां एकबार फिर जोरों पर हैं. कोरोना के दूसरे लहर में पंचायत चुनाव को टाल दिया गया था. लेकिन अब जब कोरोना की लहर ठंडी हुई है तो पंचायत चुनाव कराने की गर्माहट बढ़ गई है. बता दें जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बिहार सरकार अब सख्त कदम उठाने की कोशिशों में जुट गई है. पंचायती राज विभाग त्रिस्तरीय पंचायतऔर ग्राम कचहरियों के चुनाव के लिए ऐसा मसौदा तैयार करने में लगी है, जिसके तहत 2 या उससे अधिक बच्चे वालों को अयोग्य घोषित कर चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
बता दें साल 2021 में होने वाले पंचायत चुनाव के दौरान भले ही यह प्रावधान लागू न हो पाए, लेकिन अगले चुनाव से सरकार इस प्रावधान को अमल में लाने पर सहमत है. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर गंभीर है. पंचायती राज मंत्री की मानें तो जनता को जागरूक करने के मकसद से पंचायत जनप्रतिनिधियों से दूसरा कोई बेहतर माध्यम नहीं हो सकता. यही कारण है कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए पंचायत और ग्राम कचहरियों के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से यह संदेश आमजन तक पहुंचाना चाहती है.
गौरतलब है कि इस बार पंचायत चुनाव में ईवीएम के साथ-साथ बैलेट पेपर से भी वोटिंग होगी। बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने फैसला किया है कि छह में से चार पदों का मतदान ईवीएम से करवाए जाएंगे जबकि दो पदों पर बैलेट पेपर से वोटिंग होगी। चुनाव आयोग से मिल रही जानकारी के मुताबिक जिला परिषद, मुखिया, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति के लिए EVM से वोटिंग करवाने और पंच-सरपंच को वोटिंग बैलेट पेपर से करवाने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि ईवीएम की कम उपलब्धता की वजह से ऐसा प्लान तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बिहार में पंचायत चुनाव को टाल दिया गया था। अब सरकार की ओर से चुनाव करवाने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। जानकारी के मुताबिक अगस्त के अंतिम सप्ताह से शुरू होकर सितंबर-अक्टूबर में ये चुनाव करवाए जा सकते हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।