Corona के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बिहार को भी खतरा, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : भारत मे कोरोना की दूसरी लहर पर ब्रेक लगने के बाद अब डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा मंडरा रहा है.डेल्टा प्लस मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. दूसरे राज्यों में तीसरी लहर के दस्तक देते ही बिहार में भी स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी तक को हाई अलर्ट कर दिया है.इस खतरनाक वैरिएंट से लोगों को बचाने के लिए वैक्सीनेशन अभियान (Corona Vaccination Drive) में पूरा स्वास्थ्य महकमा जी जान से लगा है. आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद सिंह के अनुसार देश में डेल्टा वैरिएंट (Covid Delta Variant) के केस बढ़कर 50 तक पहुंच गए हैं ऐसे में हर हाल में 80 फीसदी आबादी को अगले 2 माह में वैक्सीन लेनी होगी तभी नए और घातक वैरिएंट को हराया जा सकेगा.

डॉ सहजानंद सिंह ने कहा कि इस नए वैरिएंट का ट्रांसमिशन दूसरी लहर से काफी ज्यादा घातक है . इसमें जान जाने का ज्यादा डर बना है. नए वैरिएंट को B.1.617.2.1 या फिर AY.1 के रूप में जाना जाता है. जिस तरह दूसरे राज्यों में तेजी से नए लोगों को यह अपनी चपेट में ले रहा है, ऐसे में बाहर से आनेवाले यात्रियों से बिहार पर भी खतरा मंडरा रहा है. बड़ी आबादी को इससे संक्रमण फैल सकता है. भारत मे इसके 50 नए केसेज सामने आए हैं जिसमें अकेले महाराष्ट्र में 21, केरल में 3, तमिलनाडु में 9, मध्यप्रदेश में 7, पंजाब और गुजरात मे भी 2-2 मरीज मिले हैं जबकि आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर में भी 1-1 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार डेल्टा प्लस वेरिएंट फेफड़े की कोशिकाओं में पहले के मुताबिक ज्यादा मजबूती से चिपक सकता है. फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. यह हमारे इम्यूनिटी को कमजोर भी कर सकता है और उसे चकमा भी दे सकता है. डेल्टा प्लस वैरिएंट की चपेट में आने वालों में काफी गंभीर रूप से खांसी, जुकाम और कोल्ड देखने को मिली है. इसमें सिर दर्द, गले में खरास, नाक बहना जैसे आम लक्षण दिखाई देते हैं, बाकि इसके लक्षणों को लेकर लगातार अध्ययन जारी है.

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