सिटी पोस्ट लाइव : लोक जनशक्ति पार्टी दो गुटों में बंट गया है. एक गुट चिराग का तो दूसरा पशुपति पारस का. चाचा और भतीजा दोनों पार्टी को अपना बताने में लगे हैं. एक तरफ चिराग पासवान पार्टी की बैठक कर चाचा को उखाड़ फेंकने का दम भर रहे हैं. चिराग पासवान द्वारा दिल्ली में बुलाई कार्यकारिणी की बैठक को उनके चाचा और पारस गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने असंवैधानिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि लोजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 17 जून को पटना में हो चुकी है. इस बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जा चुका है. इसलिए चिराग पासवान जो बैठक कर रहे हैं वो पूरी तरह असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि ये बैठक पार्टी के संविधान के खिलाफ है.
बता दें रविवार को चिराग ने दिल्ली कार्यालय में लोजपा की बैठक बुलाई थी. इस बैठक चिराग समर्थित सभी नेता पहुंचे थे. जहां उन्होंने नेताओं को समर्थन की शपथ दिलाई. चाचा के खिलाफ चिराग संघर्ष यात्रा निकाल सकते हैं. यही नहीं पार्टी से निष्कासित नेताओं को पार्टी का झंडा और सिम्बल इस्तेमाल न करने की नसीहत दी. इसे लेकर पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी किसी की ताकत नहीं संविधान से चलती है. भीड़ जुटाकर ताकत दिखाने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि चिराग राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं रैली कर रहे थे. बसों से लादकर लोगों को बुलाया गया था. ऐसा लग रहा था जैसा कि दिल्ली की फैक्ट्रियों से मजदूरों को बुला लिया गया हो. जबकि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चुने हुए लोग होते हैं. उसमें भीड़ नहीं जुटाई जाती.
जाहिर है चिराग पासवान अकेले हो चुके हैं. लेकिन उनके समर्थकों में कोई कमी नहीं आई है. यही वजह है कि दिल्ली में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में समर्थकों की भीड़ देखी गई थी. इस दौरान चिराग के समर्थन में खूब नारे लगाए गए थे. इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा गया था. जिसे लेकर पशुपति पारस ने तंज कसा है. गौरतलब है लोजपा पार्टी को अपना बनाने की लड़ाई दोनों चाचा भतीजा के बीच चल रही है. ये कबतक चलेगी किसी को पता नहीं. लेकिन इतना जरुर है कि पार्टी दो भागों में बंटने से कमजोर हो गई है.