निजी जमीन पर पेड़ लगाकर बिहार में पांच साल तक रोजगार पाने का मौका.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार राज्य में 33 प्रतिशत हरित आवरण के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वृक्षारोपण अभियान चला रही है.पर्यावरण को बचाने के लिए बिहार सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है.सरकार (Bihar Government) ने मनरेगा के तहत राज्य के सभी 38 जिलों के सभी ग्राम पंचायतों में सघन वृक्षारोपण अभियान (Plantation Drive) चलाकर इस वित्तीय वर्ष में दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. जिसमें डेढ़ करोड़ काष्ठ पौधे और 50 लाख फलदार पौधे शामिल हैं. पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को देखते हुए बिहार सरकार (Bihar Government) वन एवं हरित आच्छादन को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है.सरकार के इस अभियान को आगे बढाने में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित मनरेगा कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग ने दो करोड़ पौधे लगाने (Plantation) का लक्ष्य रखा है.

बिहार में लोगों को रोजगार मुहैया कराने और हरित आवरण को बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार ने नई योजना की शुरुआत की है. योजना के अंतर्गत लोग अपनी निजी भूमि पर काष्ठ और फलदार दोनों किस्म के पौधे लगा सकते हैं. फलदार पौधे में आम, लीची, जामुन, कटहल, आंवला, बेल, नीबू, अमरूद आदि का चयन स्थल विशेष की जलवायु एवं मिट्टी के आधार पर किया जा सकता है. निजी भूमि पर लगाये पौधे से प्राप्त लकड़ी और फल पर भूमि मालिक का हक होगा. एक परिवार के पास 200 पौधे के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने पर दो से तीन परिवारों को एक इकाई यानी 200 पौधे लगाये जाने का प्रावधान मनरेगा योजना में किया गया है. जिससे छोटे किसानों को भी इस योजना का लाभ मिल सके.

निजी भूमि पर लगाये गये पौधे की सुरक्षा के लिए गेबियन के साथ ही सिंचाई के लिए चापाकल और ट्रॉली से पटवन की सुविधा भी दी जाएगी. निजी भूमि पर लगाये गये एक इकाई पौधे की देख-रेख के लिए वृक्षारोपण वर्ष से अगले पांच वर्ष तक प्रतिमाह आठ दिन की मजदूरी मनरेगा योजना से दिया जाएगा.इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों के किनारे, तालाबों के किनारे और निजी भूमि पर वृक्षारोपण पर फोकस किया जाएगा.वित्तीय वर्ष 2021-22 में पौधारोपण हेतु अब तक 30 हजार 586 योजनाएं तैयार हैं जिनमें निजी योजनाएं 16 हजार 852, सड़क के किनारे 830 योजनाएं, जल संरचनाओं के किनारे 1648 योजनाएं और अन्य 1856 योजनां शामिल हैं.

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