सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र की मोदी सरकार ने शरणार्थियों के हित के लिए बड़ा कदम उठाया है. केंद्र की मोदी सरकार ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का निर्णय लिया है. सरकार ने नागरिकता के लिए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से आवेदन मांगे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शरणार्थी गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं। इनका धर्म हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध आदि है.
बता दें सरकार ने नागरिकता कानून 1955 के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत यह अधिसूचना जारी की. यानी सरकार का यह कदम सीएए (CAA) यानी संशोधित नागरिकता कानून के तहत नहीं है, जिसका पिछले दिनों विरोध हुआ था। सरकार के इस फैसले के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है और इसे हिंदुओं के हित में लिया गया बड़ा फैसला बताया जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा जारी की अधिसूचना में कहा गया है कि नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भारत सरकार ने कानून की धारा 5 के तहत यह कदम उठाया है. इसी के अंतर्गत देश के राज्यों और जिलों में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए आदेश दिया गया है.