सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लॉकडाउन की वजह से कोरोना के संक्रमण में सरकारी आंकड़ों के अनुसार बहुत कमी आई है.लेकिन ये सच है कि अभी भी मुश्किल से अस्पतालों में मरीजों को ICU नसीब हो पा रहा है.कोरोना की दूसरी लहर की भेंट रोज दर्जनों मरीज चढ़ रहे हैं. इलाज के अभाव में खासतौर पर ICU की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं. लेकिन बिहार सरकार के अस्पतालों के सैकड़ों वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं. बिहार के दरभंगा में पीएम केअर्स फंड से मिले 25 वेंटिलेटर अभी तक शुरू ही नहीं हो पाए हैं, जबकि वेंटिलेटर के अभाव में कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं.
गौरतलब है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल के लिए तकरीबन 9 महीने पहले डीएमसीएच को PM CARES फंड के जरिए जो आईसीयू सेटअप समेत 25 वेंटिलेटर मिले थे, लेकिन इनका इस्तेमाल अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर इन वेंटिलेटर को शुरू क्यों नहीं किया जा रहा है?डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. मणि भूषण शर्मा का कहना है कि अस्पताल में पूरे आईसीयू सेटअप और वेंटिलेटर को इस्तेमाल करने के लिए तैयार कर लिया गया है, मगर बार dry-run में असफल होने के कारण आईसीयू और वेंटीलेटर्स का इस्तेमाल शुरु नहीं किया जा पा रहा है.
डीएमसीएच के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. मणि भूषण शर्मा ने कहा कि दरभंगा में कोरोना अस्पताल नर्सिंग कॉलेज को बनाया गया है, इसीलिए वहां पर वायरिंग का पूरा सेटअप लगाना पड़ा है, नया ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. कहा कि दरभंगा में कोरोना अस्पताल नर्सिंग कॉलेज को बनाया गया है, इसीलिए वहां पर वायरिंग का पूरा सेटअप लगाना पड़ा है, नया ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है.
दरभंगा के बीजेपी विधायक संजय सराओगी ने आईसीयू और वेंटिलेटर की शुरुआत नहीं होने को लेकर डीएमसीएच प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण वेंटीलेटर इस्तेमाल नहीं हो पा रहा, हम लोगों ने फैसला लिया है कि किसी प्राइवेट एजेंसी को देखकर वेंटिलेटर को चालू गौरतलब है कि 8-9 महीने पहले पीएम केअर्स फंड से 25 वेंटिलेटर सहित पूरा आईसीयू का सेटअप आया था, मगर ऑक्सीजन की कमी के कारण इसका इस्तेमाल नहीं हो पा हो पा रहा है. बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा कि प्रशासन ने पूरे मामले में अब तेजी दिखाई है, उम्मीद है कि जल्द वेंटिलेटर का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा .