सिटी पोस्ट लाइव: कोरोना वायरस अपना कहर पूरे देश पर दिखा रहा है. लोग दिन-प्रतिदिन अपनों से बिछड़ते नजर आ रहे है. कोरोना ने ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के अभाव में न जाने कितने जीवन कुर्बान कर दिया है. कोविड को लेकर सरकार लगातार दावा करते नहीं थकती है की सूबे के सभी अस्पतालों में व्यवस्था की कमी नहीं होगी. लेकिन, पटना सिटी अनुमंडल का जिला दर्जा प्राप्त अस्पताल गुरुगोविंद सिंह अस्पताल जिसकी व्यवस्था दुरुस्त करने पटना जिलाधिकारी दो बार इस अस्पताल में पहुंचे.
लेकिन, इस अस्पताल में मौजूद वेंटिलेटर इक्यूपमेंट अस्पताल और सरकार के बदहाल सिस्टम का बलि चढ़ता हुआ दिख रहा यही. दरअसल, गुरुगोविंद सिंह अस्पताल में वेंटिलेटर का पूरा समान मौजूद है लेकिन एक्सपर्ट नहीं होने के कारण चार महीनों से पड़ा यह समान अब सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में पटना के सिविलसर्जन के आदेश पर जा रहा है. सवाल यह उठता है कि, कोविड डेटिकेडेड अस्पताल नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी इसी जगह है, लेकिन वेंटिलेटर के अभाव में लोग दम तोड़ रहे है और सरकार सरकारी अस्पताल की जगह निजी अस्पताल को दुरुस्त कर रही है.
एक तरफ निजी अस्पताल में लोग जमीन,मकान और गहने बेचने को मजबूर है. फिर भी कोविड मरीज को नहीं बचा पाती और सरकार निजी मेडिकल संस्थान को मजबूत करने चली है. गुरुगोविंद सिंह अस्पताल से वेंटिलेटर गाड़ी से जा रहा था कि स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और जमकर हंगामा किया. साथ ही कहा कि अगर आपको वेंटिलेटर देना था तो आप कोविड अस्पताल नालन्दा मेडिकल या किसी भी सरकारी अस्पताल में देते लेकिन निजी संस्थान में देना एक साजिश की बू आती है. इस बात से स्थानीय लोगों में आक्रोश है,वही अस्पताल के अधीक्षक पशुपति नाथ ने बताया कि यह वेंटिलेटर एक्युमेंट पटना सिविल सर्जन के आदेश से जा रहा है.