सिटी पोस्ट लाइव :तीन दिनों के हाई-वोल्टेज पोलिटिकल ड्रामा के बाद आखिरकार शुक्रवार को जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपना अनशन तोड़ दिया. उन्होंने अपनी बिगड़ती तबीयत और डॉक्टरों की सलाह के आधार पर यह फैसला लिया है. उन्हें पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.गौरतलब है कि एक 32 साल पुराने अपहरण केस के मामले में उन्हें मंदिरी स्थित आवास से पुलिस ने 11 मई को गिरफ्तार कर लिया था.
गिरफ्तारी के बाद जेल में पप्पू यादव अनशन पर बैठ गए थे. पूर्व सांसद ने शुक्रवार को डॉक्टरों की सलाह के बाद अपना चार दिन के भूख हड़ताल को ख़त्म कर दिया. उनकी खराब तबीयत को देखते हुए उन्हें पटना के परस अस्पताल में रेफर किया गया.पप्पू यादव के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर बताया गया है कि उन्हें किडनी और हार्ट की दिक्कत के अलावा सांस लेने में भी समस्या हो रही है.उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि कोरोना मरीजों की सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. इससे पहले उन्होंने कोरोना मरीजों की मदद करने वालों की जांच कराने को लेकर सरकार पर तंज कसा. पूर्व सांसद ने कहा कि ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू और खाना नहीं मिलने से लोग मर रहे हैं, लेकिन इसकी कोई जांच सरकार नहीं करा रही है. उल्टे जो मददगार बन रहा है, उसे ही परेशान किया जा रहा है.
पप्पू यादव की गिरफ्तारी से कुछ ही दिन पहले सारण में सांसद निधि से खरीदी गई एंबुलेंस को बेकार पड़ा रहने का मसला उठाने के बाद उनके और भाजपा के सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी के बीच तकरार हुई थी. उनके सहयोगी गिरफ्तारी को इसी मामले से जोड़ रहे हैं. उनका कहना है कि साजिश के तहत 32 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि उन्हें लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. बाद में उन्हें 32 साल पुराने अपहरण के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में पूर्व सांसद के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी था.