बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को लिखा पत्र

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमन्त सरकार को कई महत्वपूर्ण सलाह देते हुए चिठ्ठी लिखा है। उन्होंने कोविड महामारी पर नियंत्रण एवं संक्रमित मरीजों के ईलाज एवं प्रबन्धन पर सभी जनप्रतिनिधियों से परामर्श- सुझाव मांगे जाने पर सरकार को धन्यवाद दिया। इससे पूर्व उन्होंने गिरिडीह उपायुक्त को आड़े हांथ लेते हुए कहा कि यदि कोई मीटिंग के समय में परिवर्तन हो तो इसकी जानकारी सभी सांसदो-विधायकों को समय पर देनी चाहिए थी। गौरतलब हो कि जनप्रतिनिधियों की एक ऑनलाइन बैठक होनी थी जिसे अंतिम समय मे समय परिवर्तन कर दिया गया, जो कि बुधवार को होगा। इससे पूर्व उन्होंने संजीवनी वाहन के परिचालन जो कि कोविड सेंटर पर ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य कर रहा है। और सरकारी, निजी, संस्था द्वारा संचालित अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की जानकारी के लिए अमृत वाहिनी एप्प की शुरुवात का स्वागत करते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिया।

बाबूलाल मरांडी की ओर से यह सुझाव दिया गया है कि एक के बाद एक एप लांचिंग तो हो रहा है लेकिन गाँव के लोगों को ध्यान में रखकर मुझे महसूस होता है कि इसकी जगह सिंगल टॉलफ्री नम्बर जारी करना चाहिए एवं कॉल सेंटर पर 50 से अधिक फोन रिसीवर की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह 24 घंटे काम करें। आपदा प्रबंधन प्रधान और पीएम केयर्स फंड  से कितने ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति मिली है एवं अभी तक कितना इंस्टॉल  हुआ है । जैसी कि जानकारी मिली है कि 4-5 दिन में इंस्टॉल हो जाता है तो फिर इसमें विलम्ब क्यों हो रहा है ? इसके लिए पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दें। ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉल करने के साथ ही  उसके अति ज्वलनशीलता को ध्यान में रखकर सुखा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। 50 बेड या इससे अधिक वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट अग्निशामक सुरक्षा के साथ इंस्टॉल कराने की बाध्यता की जाय।

उन्होंने कहा कि  राज्य में सब्जी-बाजार या-सा लग रहा है, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है, इसके लिए खुली जगहों को चिन्हित कराकर सब्जी बाजार- हाट लगवाया जाय। उन्होंने कहा कि सभी को अखबार एवं अन्य माध्यम से पता चला कि कल रिम्स के जूनियर डॉक्टर का कोविड से देहान्त हो गया, जो बहुत दुखद है। मेरा सुझाव है कि सरकार बिना विलंब किए इनके परिजनों को एकमुश्त मुआवजा राशि दे जाय ताकि डॉक्टरों का मनोबल बना रहे।

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