कोरोना के ईलाज में बेहद असरदार हैं आयुर्वेदिक दवाएं, 7 दिन में मरीज हो रहे नेगेटिव.

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सिटी पोस्ट लाइव : आयुष मंत्रालय की ओर से कोरोना महामारी के खिलाफ कई कैंपेन चलाए जा रहे हैं. मंत्रालय की ओर से कुछ आयुर्वेदिक दवाएं भी शुरू की गईं, जो काफी असरदार साबित हो रही हैं. कई आयुर्वेदिक डॉक्टर इन दवाओं के जरिए करीब एक साल कोरोना मरीजों का सफल इलाज कर रहे हैं. इन डॉक्टरों के अनुसार मंत्रालय की ओर से शुरू की गई दवाएं- आयुष 64 और कबसुरा कुदिनीर, बिना किसी साइड इफेक्ट के हल्के और मध्यम लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए बहुत प्रभावी साबित हुई हैं.

पटना आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने भी इन दवाओं के प्रभावी होने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि दोनों दवाओं का प्रभावी क्षमता देश में मल्टी-सेंटर क्लिनिकल ट्रायल के माध्यम से पहले ही साबित हो चुकी है. वास्तव में, आयुष-64 को मलेरिया के इलाज को लेकर 2009 में देश में लॉन्च किया गया था. इसकी सफलता के बाद, इसे कोविड मरीजों के लिए टेस्ट किया गया, जिसके परिणाम संतोषजनक नजर आए.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने भी कोविड मरीजों पर हाल ही में किए गए टेस्ट के बाद इस दवा को मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि करीब 3,000 से ज्यादा संक्रमित मरीज इससे ठीक हुए हैं और मृत्यु दर भी लगभग ना के बराबर ही रही. उन्होंने कहा कि इस दवा के साथ काढ़ा और दूसरे आयुर्वेदिक कॉम्बिनेशन भी शहर में कोविड मरीजों को फायद पहुंचाने में सफल रहे हैं. पटना आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने आगे कहा कि कबसुरा कुदिनीर भी एक प्रभावी दवा है, ये एंटी-वायरल और इम्यूनिटी बूस्टर है. तमिल साहित्य में इस दवा का विस्तृत विवरण मिल सकता है.

आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि  अगर इन दवाओं को ठीक से उपलब्ध कराई जाए और लोगों को इसकी जानकारी हो तो यह बड़ी संख्या कोविड संक्रमित लोगों को ठीक कर सकती है. आयुष दवाएं कोविड -19 संक्रमण के लिए 100 फीसदी प्रभावी हैं और इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं है. यहां तक कि एलोपैथिक दवाएं लेने वाले लोग भी कोरोना के खिलाफ अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से आयुर्वेदिक काढ़ा ले रहे हैं.

गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय की ओर से शुरू की गई दोनों दवाएं बिहार और सूबे के बाहर अलग-अलग आयुर्वेदिक केंद्रों में पहले से ही इस्तेमाल की जा रही है. ये मलेरिया और कोविड -19 में किसकदर प्रभावी है ये पहले ही साबित हो चुका है. इन दवाओं के जरिए कोरोना मरीज महज 7 दिन में ही निगेटिव हो रहे हैं. हल्दी मिला दूध पीने से भी कोरोना मरीजों को काफी फायदा पहुंचता है, उनकी इम्यूनिटी बढ़ती है.

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