पटना में पिछले 15 दिनों में 594 शवों का अंतिम संस्कार, बांसघाट में 325 लोगों की जली चिता

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना बिहार में भीषण कहर बरपा रहा है. राज्य में संक्रमित मरीजों की बात करें तो सिर्फ पटना में ही रविवार को 2748 नये मरीज मिले हैं. ऐसे में दो दिन में कुल 5772 मरीज पाये गये हैं. इसके साथ ही पटना जिले में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 17590 पहुंच गयी है़. यही नहीं मरने वालों की संख्या भी सैंकड़ो में हैं. कई मामले तो सरकारी कागजों में दर्ज हुए, जबकि कई मामले दब गए. लेकिन बात करें कि पिछले 15 दिनों में राजधानी के श्मशानों में कितनी चिताएं जली है तो, बता दें कि निगम के घाटों बांस घाट, गुलबीघाट व खाजेकलां घाट पर कोरोना से मौत हुए 594 डेड बॉडी का अंतिम संस्कार हुआ है. इनमें सबसे अधिक बांस घाट पर लगभग 325 डेड बॉडी का डिस्पोजल हुआ.

खाजेकलां घाट पर कोरोना से मौत होने पर डेड बॉडी का डिस्पोजल 23 अप्रैल से शुरू हुआ. पटना सिटी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि यहां अब तक 40 डेड बॉडी का डिस्पोजल हुआ है. वहीं, गुलबीघाट पर 228 डेड बॉडी का डिस्पोजल हुआ है. बांकीपुर के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि गुलबीघाट में वीआइपी लोग पहुंचते हैं. कोरोना से मौत होने पर डेड बॉडी का डिस्पोजल नि:शुल्क होता है. निगम के तीनों घाटों पर पर कुल पांच विद्युत शवदाह मशीनें काम कर रही हैं. इनमें बांस घाट व गुलबीघाट पर दो-दो व खाजेकलां घाट पर एक मशीन काम कर रही है.

बताते चलें कि पिछले दिनों शवों को जलाने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा था. इतना ही नहीं पटना के बांस घाट कि स्थिति ऐसी थी कि लोगों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों नंबर में लगना होता था. जिसके बाद शवदाह मशीनों की संख्या बढ़ाई गई. गौरतलब है कि मशीन से दाह संस्कार करने पर लगभग एक घंटे का समय लगता है. कोरोना से मौत होने के बाद घाटों पर दाह संस्कार होने के बाद परिजनों के आवेदन देने पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होता है. इसके लिए परिजनों पर घाटों पर मिले रजिस्ट्रेशन नंबर व मृतक की आधार कॉपी के साथ संबंधित अंचल में आवेदन जमा करना पड़ता है. जाहिर है कोरोना जो कहर बरपा रहा है वो कहीं न कही मानव जाति के इतिहास का सबसे काला दिन है.

Share This Article