सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना के वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए अब हर्बल माउथ सैनिटाइजर बाज़ार में आ गया है.यह माउथ सैनिटाइजर इस वायरस को मुंह में ही खत्म कर देगा.इसके इस्तेमाल से कोरोना न सीने को संक्रमित कर पाएगा, न ही थूक के जरिए बाहर निकलकर लोगों को बीमार करेगा. उत्तर प्रदेश (UP) निवासी अमेरिकी वैज्ञानिक ने एक हर्बल माउथ सैनिटाइजर (Herbal Mouth Sanitizer) तैयार किया है. इसके प्रयोग से कोरोना वायरस मुंह में ही नष्ट हो जाएगा. यह पूरी तरह से प्राकृतिक है. इसमें किसी प्रकार का कोई कैमिकल नहीं मिलाया गया है.
सिद्धार्थनगर के बांसी के मूल निवासी और अमेरिका के मेरीलैंड में यूनिफाम्र्ड सर्विसेज आफ हेल्थ साइंस में वैज्ञानिक सहायक प्रोफेसर डॉ. शाश्वत शरद श्रीवास्तव ने ऐसा हर्बल सैनिटाइजर बनाया है, जिससे 60 सेकेंड तक गरारा करने पर कोरोना वायरस नष्ट हो जाता है.श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने यह हर्बल सैनिटाइजर बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालोजी एंड साइंस हैदराबाद की प्रोफेसर डॉ. सुमन कपूर के साथ मिलकर राइटश्योर नाम से हर्बल एंटीवायरल माउथवाश एंड गार्गल का निर्माण किया है. दवा के तौर पर प्रयोग के लिए AIIMS जोधपुर में इसका क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है. डॉ. शरद ने बताया कि यह माउथवाश मुंह के वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगों के कारक को नष्ट करता है. इसमें मुलेठी, ब्राह्मी, शतावरी, कलौंजी, नीम, तुलसी, अश्वगंधा, सौंफ जैसी 24 औषधियों का अर्क है, जबकि दूसरे माउथवाश में संश्लेशित कैमिकल होता है, जिसका लंबे समय तक प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है. इस हर्बल सैनिटाइजर से गरारे का असर चार-पांच घंटे तक रहता है.
यह हर्बल सैनिटाइजर कोरोना वायरस सहित किसी भी वायरस को मारने में सक्षम है. 3ML इस माउथवाश को 30ML पानी मे डाल कर दिन में तीन से चार बार 60 सेकेंड तक गरारा करने से वायरस व्यक्ति के गले में ही खत्म हो जाता है. जिससे वायरस को शरीर के अंदर जाने से रोका जा सकता है. कोरोना संक्रमित व्यक्ति भी इससे गरारा करने से जल्द ही संक्रमण मुक्त हो सकता है. अमेजन में यह राइट श्योर गार्गल और वन एमजी की बेवासाइट पर उपलब्ध है. अभी इसकी कीमत करीब 249 रुपए है.
, ‘कोविड-19 वायरस संक्रमण के पहले 5 दिन जीभ और गले में पनपता है. वहां गुणात्मक वृद्धि करने के बाद वह फेफड़ों को संक्रमित कर गंभीर संकट पैदा करता है. इस हर्बल सैनिटाइजर में प्रचुर मात्रा में सैपोनिन है, जो वायरस के वसीय आवरण को नष्ट कर देता है. इससे वायरस लोड कम हो जाता है और सांस लेने में संक्रमण की आशंका काफी कम करता है. वायरस के आवरण में पाए जाने वाले एस ग्लाइकोप्रोटीन में मैनोस और मैनन ग्लायकन होता है, जिससे सैनिटाइजर के तत्व तेजी से क्रिया करते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस मानव कोशिका से जुड़ नहीं पाता है और वह निष्क्रिय हो जाता है. इसलिए सांस के जरिए बाहर आने के बाद भी वायरस नए व्यक्ति को संक्रमित नहीं कर पाता.’