सिटी पोस्ट लाईव ;सीबीआई ने सृजन घोटाला मामले में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें बैंक ऑफिसर और सृजन महिला विकास समिति के अधिकारी शामिल हैं. इनके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, भरोसा तोड़ने और जालसाजी करने का आरोप लगा है.भागलपुर में सरकारी विभाग के बैंक खातों से 300 करोड़ की अवैध निकासी कर उसे सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खातों में ट्रांसफर किया गया था.
सृजन घोटाले की जांच पहले आर्थिक अपराध यूनिट ने शुरू की थी. मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने पर बिहार सरकार द्वारा सीबीआई जांच की अपील के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी.जांच के दौरान पता चला कि मुख्यमंत्री नगर विकास योजना, जिला नजारत शाखा और जिला भू-अर्जन विभाग के अलग-अलग बैंकों में संचालित खातों में गड़बड़ी की गई है.
गौरतलब है कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति की स्थापना 1996 में हुई. कहने के लिए संस्था ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, नैतिक, शैक्षणिक विकास के लिए काम करती है. इसका कार्यक्षेत्र भागलपुर जिले के सबौर, गोराडीह, कहलगांव, जगदीशपुर, सन्हौला समेत 16 प्रखंडों तक फैला है. इसका उद्देश्य संगठनात्मक कार्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वरोजगार, बचत व साख, उत्पादन व मार्केटिंग, साक्षरता, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करना था, लेकिन संस्था इसकी आड़ में सरकारी फंड का बैंक की मिलीभगत से अपने खाते में लाकर उसका दुरुपयोग कर रही थी.
जांच के पहले तक संस्था दावा कर रही थी कि वह गांव की महिलाओं को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाती है.लेकिन जांच के बाद ये खुलासा हुआ कि किस तरह से इस एनजीओ के जालसाजों ने शातिर तरीका आजमाया और फर्जी सिग्नेचर के जरिए करोड़ों के घोटाले को धीरे-धीरे अंजाम दिया. दरअसल विभिन्न योजनाओं से जुड़ी सरकारी राशि जिला प्रशासन के संबंधित महकमे के एकाउंट में जाती है. इसके बाद योजनाओं से संबंधित राशि एक अलग खाते में जमा कर दी जाती है. इसी एकाउंट में सेंधमारी की गई. फर्जी सिग्नेचर के जरिए सरकारी शार्ट टर्म एकाउंट की राशि सीधे एनजीओ सृजन के खाते में ट्रांसफर होने लगी. इसके बाद जीविका के स्तर पर चेक के जरिए बैंक की शाखाओं से कैश की निकासी की जाती थी. इसी तर्ज पर 2008 से 2017 के आरंभ तक 300 करोड़ की राशि निकालकर शातिरों ने हड़प ली.
हेराफेरी में इंडियन बैंक की पटल बाबू रोड शाखा, बैंक ऑफ बड़ौदा की घंटाघर शाखा और सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की मिलीभगत सामने आई है. तीनों संस्थानों के तत्कालीन और वर्तमान मैनेजर, पदधारकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने इंडियन बैंक के सहायक ब्रांच मैनेजर पीएन दत्ता, सहायक मैनेजर परमानंद कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की. लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. समिति की सचिव प्रिया कुमार फरार हैं.