सिटी पोस्ट लाइव :चारा घोटाले में लम्बे इंतज़ार के बाद रांची हाईकोर्ट से लालू यादव को जमानत तो मिल गई है लेकिन फिर बी वो बार क्यों नैन आ पा रहे हैं. चारा घोटाले से जुड़े एक केस में लालू 23 दिसंबर 2017 को जेल गए थे. लालू को सवा तीन साल बाद जमानत मिली है.दरअसल, 18 अप्रैल को मिली जमानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें बेल बॉन्ड भरना है. बेल बॉन्ड भरने के लिए वकीलों का अदालत में जाना अनिवार्य है. लेकिन कोरोना के चलते झारखंड हाई कोर्ट के किसी भी न्यायिक कार्य के लिए वकीलों को न्यायालय कक्ष में जाने पर रोक लगा दी गई है.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए झारखंड बार कौंसिल ने 19 अप्रैल से ही वकीलों को अदालती कार्य से खुद को अलग रखने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट से मिली जमानत के मुताबिक, राजद सुप्रीमो को एक लाख रुपए का मुचलका और 10 लाख रुपए जुर्माना देना है. बेल बॉन्ड भरने के बाद वे एक-दो दिन में छूट जाएंगे.
कोर्ट ने लालू के सामने 2 शर्तें रखी हैं-पाली शर्त है कि जमानत के दौरान लालू हाईकोर्ट से परमिशन लिए बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे.दूसरी ये कि वे अपना मोबाइल नंबर और पता भी नहीं बदलेंगे.लालू यादव को सशर्त जमानत दुमका ट्रेजरी मामले में आधी सजा पूरी होने के बाद दी गई है. इससे पहले लालू यादव को अक्टूबर 2020 में चाईबासा ट्रेजरी मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन दुमका ट्रेजरी केस की वजह से उनकी रिहाई नहीं हुई थी. डोरंडा ट्रेजरी से निकासी के मामले की सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई है. इस मामले में बहस चल रही थी, लेकिन कोविड की वजह से फिलहाल CBI कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी गई है.
लालू प्रसाद यादव अभी दिल्ली AIIMS में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है. जानकारी के अनुसार, डॉक्टरों ने फिलहाल अस्पताल से उन्हें छुट्टी देने की संभावना नहीं जताई है. कोविड के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर डॉक्टर ने उन्हें बाहर ले जाने से मना कर दिया है. अगर हॉस्पिटल से बाहर आएंगे भी तो उन्हें दिल्ली के आवास में रखा जा सकता है.