सिटी पोस्ट लाइव: कोरोना दिन-प्रतिदिन तबाही मचा रहा है. वहीं, बिहार में लगातार कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. बिहार की स्थिति दिन-प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. जैसे-जैसे संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे मौत का आंकड़ा लोगों में दहशत पैदा कर रहा है. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने पटना के एनएमसीएच को कोविड डेटिकेटेड अस्पताल घोषित किया है.
जिसमें 400 बेड है. लेकिन, स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से अस्पताल परिसर में मरीज दम तोड़ते नज़र आ रहे. सरकार कितना भी दावा करे लेकिन, सिस्टम की लापरवाही संक्रमित लोगों की मौत का कारण बनता जा रहा. ऐसे में मौत के आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा है.
ऐसा ही तस्वीर आज पटना के एनएमसीएच में देखने को मिली, जहां कोरोना से पीड़ित मरीज के परिजन अपने मरीज के जीवन दुहाई मांग रहे थे, लेकिन उनकी ये दुहाई किसी का दिल न पिघला सकी. वे दुहाई दे रहे थे, लेकिन वहां उनका सुनने वाला कोई न था. ट्रांसपोर्ट नगर से आई विभा पाठक ने बताया कि वे पिछले 3 घंटे से अस्पताल के परिसर में भटक रही थी ताकि उनके पति को भर्ती किया जा सके, लेकिन उनका सुनने वाला न वहां का सिस्टम था और न ही कोई डॉक्टर.
कोविड मरीज के परिजन सिद्धार्थ कुमार (पीड़ित) ने बताया कि एनएमसीएच आ कर करीब आधे घंटे से भटक रहे हैं, लेकिन उनका सुनने वाला कोई नही है. अधीक्षक कार्यालय के पास मीडिया से बात करते हुए सिद्धार्थ(पीड़ित) ने बताया कि वार्ड के बाहर नो बेड, नो रजिस्ट्रेशन का बोर्ड लगा दिया गया है, जिससे कोविड मरीज की भर्ती नहीं ली जा रही.
वहीं संपतचक बैरिया के रहने वाले शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि, कई घंटों से अस्पताल के परिसर में चक्कर काट रहा हूं, लेकिन यहां न कोई सुनता और न ही कोई मरीज को भर्ती कर रहा. मरीज का रिपोर्ट लेकर पिछले 3 घंटे से अस्पताल का चक्कर काट रहा हूं, लेकिन न डॉक्टर है न ही बेड और न ही मरीज को भर्ती किया जा रहा है.