रांची में लाश भरे एंबुलेंस की कतार, शव जलाने के लिए कम पड़ गयी लकड़ी

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: एक ओर कोरोना माहामारी से लोग त्रस्त हैं ।वहीं दाह संस्कार के लिए मुक्ति धाम पहुंचे लोगों को भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। सोमवार को रांची के मुक्तिधाम में लाश भरे एंबुलेंस की कतार लग गयी और अंत्येष्टि के लिए लकड़ी कम पड़ गयी। जिसके विरोध में लोगां ने सड़क जाम भी किया। बाद में जिला प्रशासन की ओर से लकड़ी की व्यवस्था की गयी, जिसके पश्चात शाम पांच बजे तक 38 शवों की अंत्येष्टि हुई और कई अन्य शव दाह संस्कार के लिए कतार में लगे है। हालांकि आधिकारिक तौर पर 27 शवों की अंत्येष्टि की बात ही कही गयी है।

रांची के डोरंडा के घाघरा मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमण और दूसरी बीमारियों से मरने वालों के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए गये लागों को सुबह सात बजे से लकड़ी की कमी की वजह से इंतजार करना पड़ा।  बताया गया है कि शव के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम को लकड़ी का इतंजाम करना है । कल देर रात तक वहां अंतिम संस्कार होता रहा जिससे वहां लकड़ी खत्म हो गई। आज अहले सुबह से ढाई बजे तक इंतजार करने वालों का सब्र का बांध टूट गया और उसके बाद सभी लोग शव लदे एम्बुलेंस के साथ डोरंडा नामकुम सड़क को जाम कर दिया। जानकारी के मुताबिक आज सुबह से तीन बजे तक घाघरा शमशान घाट में कुल 32 एम्बुलेंस शव के साथ खड़ी थी। बाद में मामले की जानकारी मिलने पर डोरंडा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाकर रास्ते को खाली करवाया।

बताया गया है कि रांची के हरमू स्थित मोझधाम में क्रिमिशन की मशीन खराब होने के बाद सभी शवों को अंत्येष्टि के लिए घाघरा ले गया था, लेकिन वहां लकड़कियां ही कम पड़ गयी। बाद में मौके पर पहुंचे एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि सभी शवों का अंतिम संस्कार 24 घंटे के भीतर होगा। पूरा प्रशासन इस बात के लिए अलर्ट है। उन्होंने बताया कि वे खुद घाघरा घाट की व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं और वहां कोई पेंडेंसी नहीं है। गौरतलब है कि रविवार को भी शहर के पांच श्मशान घाट और दो कब्रिस्तानों में 116 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था।

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