सिटी पोस्ट लाइव : शिक्षा के नाम पर जिले में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना कोई नई बात नहीं है. ताजा नालंदा जिले के एक विद्यालय का है जहां प्रभारी प्रधानाध्यापक चंद पैसों के लिए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित बिहारशरीफ प्रखंड के सकरौल पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मेहनौर का है. जहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा आठवीं के बच्चों से जबरन टीसी देने के एवज में प्रति विद्यार्थी 200 से 300 रुपए बतौर घुस लिया जा रहा है. जिससे अभिभावक सहित विद्यार्थीयों में खासा आक्रोश देखने को मिला.
आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय में जमकर बवाल काटा और स्कूल में तालाबंदी करने की भी बात कही. वहीं प्रखंड शिक्षकों ने भी प्रधानाध्यापक के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि इस स्कूल के शिक्षकों के द्वारा बच्चों से जबरन काम करवाया जाता है और बच्चों को जातिसूचक शब्द कहकर बुलाया जाता है. प्रखंड शिक्षकों ने प्रधानाध्यापक के ऊपर मनमानी करने का भी आरोप लगाया.
ग्रामीणों के शिकायत पर जब पंचायत की मुखिया निशा कुमारी जांच करने विद्यालय पहुंची तो उन्होंने प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मिड-डे मील भोजन को बच्चों को देने के बजाय यहां के प्रबन्धन के द्वारा बाजार में बेच दिया जा रहा हैं. वही विद्यालय के शिक्षक अक्लु रविदास ने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाया है कि जातिसूचक शब्द कहकर बुलाते हैं. इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने ग्रामीनो प्रखण्ड शिक्षकों के द्वारा अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया उन्होंने राजनीति के साथ फसाने की बात कही.
नालंदा से महमूद आलम की रिपोर्ट