राज्य के नियोजित शिक्षकों का वेतन विगत फरवरी माह से बकाया है.सबसे ज्यादा परेशान रोजा रखनेवाले नियोजित शिक्षक हैं .ईद का त्यौहार है,चीनी और महंगी हो चुकी है और वेतन फरवरी महीने से बकाया है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि रोजादार नियोजित शिक्षकों की ईद बिना वेतन के कैसे मनेगी ?
सिटी पोस्ट लाईव : एक तरफ चीनी की कीमत आसमान छो रही है दूसरी तरफ राज्य के नियोजित शिक्षकों को अभीतक वेतन नहीं मिल पाया है.ऐसा नहीं है कि सरकार के पास वेतन देने के लिए पैसा नहीं है.वेतन भुगतान के लिए शिक्षा विभाग धन का अवाँनटन कर चूका है .वेतन मद में 11 07 करोड़ रुपये के निकासी और भुगतान को मंजूरी भी मिल चुकी है .शिक्षा मंत्री ईद के पहले वेतन दे दिए जाने का निर्देश भी दे चुके हैं.लेकिन आजतक वेतन नहीं मिल पाया है.
राज्य के नियोजित शिक्षकों का वेतन विगत फरवरी माह से बकाया है.सबसे ज्यादा परेशान रोजा रखनेवाले नियोजित शिक्षक हैं .ईद का त्यौहार है,चीनी और महंगी हो चुकी है और वेतन फरवरी महीने से बकाया है.शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का कहना है कि ईद से पहले वेतन भुगतान का आदेश वो कर चुके हैं.लेकिन पिछले कुछ महीनों से ट्रेजरी की व्यवस्था को पूरी तरह ऑनलाइन करने की चल रही प्रक्रिया की वजह से बिलम्ब हो रहा है.शिक्षा मंत्री का कहना है कि ऑनलाइन व्यवस्था हो जाने के बाद सबका वेतन नियमित हो जाएगा.वेतन नियत समय पर सीधे अकाउंट में पहुँच जाएगा. इसमे शक की कोई गुंजाईश नहीं कि नै व्यवस्था से शिक्षकों को अपने वेतन के लिए प्रधानाचार्य के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जायेगी .लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि रोजादार नियोजित शिक्षकों की ईद बिना वेतन के कैसे मनेगी ?