तेजस्वी ने राज्यपाल को लिखा पत्र, सरकार बर्खास्तगी व दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विपक्षी पार्टियों के विधायकों के साथ बर्बरता पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बेहद आक्रोशित हैं. पिछले दिनों जहां उन्होंने दोषियों की बर्खास्त करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की, वहीं अब उन्होंने राज्यपाल को भी पत्र भेजा है. तेजस्वी यादव ने पत्र लिखकर सरकार बर्खास्तगी व दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. तेजस्वी ने लिखा कि CM के इशारे पर जिस तरह सदन के अंदर पुलिस के जूते और बंदूक की नोक पर विपक्षी सदस्यों को बर्बरता से लहूलुहान करते हुए “बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021” पास कराया गया वह लोकतंत्र के लिए घातक है। राज्यपाल महोदय को पत्र लिख सरकार बर्खास्तगी व दोषी अधिकारियों पर कारवाई की माँग।

तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है.

जैसा कि आपको विदित होगा बीते दिनों “विहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 को सदन की मर्यादा और नियमावली के विरूद्ध प्रायोजित शोरगुल के मध्य पास कराया गया।

महामहिमा जनभावना के अनुरूप सदन के माननीय विधायक गण द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध मुख्यमंत्री जी और उनके सिपहसालारों को नागवार गुजरा और उनके इशारे पर सदन के अंदर पुलिस प्रशासन द्वारा बर्बर तरीके की हिंसक कार्रवाई की गयी। संविधान के मूल्यों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विधायकों पर पुलिसिया हिंसा इस तथ्य का द्योतक है कि “विशेष पुलिस बल” को “विशेष अधिकार प्रदान करना कितना घातक और खतरनाक हो सकता है।

महामहिम! 23.03.2021 यानि “बिहार दिवस के ठीक अगले दिन विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री जी के इरादे व इशारे के अनुरूप जिस प्रकार की आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया उससे विधानसभा की गौरवशाली परपरा लहूलुहान हुई है। विपक्षी दलों के सभी माननीय सदस्यों पर मुख्यमंत्री-सह-गृह मंत्री की आशा से हिसार और अत्यधिक बल प्रयोग में कई माननीय सदस्य गम्भीर रूप से घायल हुए और पी0एम0सी0एच0 सहित अन्य अस्पतालों में इलागारत रहे हैं। इनमें से मखदुगएर माननीय विधायक श्री सतीश कुमार को सर पर इतनी गम्भीर चोट लगी है और जो पी0एम0सी0ए0 के आई0सी0पू0 में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते हुए अभी भी चिकित्सकों की देख रेख में इलाजरत है। माननीय महिला विधायकों के साथ जिस प्रकार की अशोभनीय हरकत हुई उसका आपके समक्ष वर्णन भी नहीं किया जा सकता। महामहिमा विहार ही नही बल्कि पूरे देश में इस तरह के अलोकतांत्रिक और अशोभनीय आवरण का दूसरा उदाहरण नहीं मिलता है।

महामहिम! 23 तारीख की इस बर्बर हिंसा में सदन के अन्दर बाहर से आये पुलिस बल अराजक गुण्डे-मवाली की तरह व्यवहार कर रहे थे। आखिर किसके इशारे पर महिला विधायकों को घसीटा जा रहा था? किसके इशारे पर बाल खींचे जा रहे थे और उनकी साड़ियाँ खोली जा रही थी? महामहिम! ये लोकतंत्र के चीरहरण का ऐसा मंजर था जिससे बिहारी मानस आहत हुआ है। महामहिम! राज्य के अलग-अलग हिस्सों से चुनकर आए ये माननीय विधायकगण करोडो लोगों की आकांक्षाओं और सरोकारों का प्रतिनिधित्व करते है। उनपर हुआ यह अमानवीय और बर्बर हिंसा मूलतः लोकतंत्र की नींव पर हमला है।

महामहिम! आप संविधान के संरक्षक है। अतः हस्र आपसे ये गुहार लगाते हैं कि आप अलोकतांत्रिक घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए इस अलोकतांत्रिक और निरंकुश सरकार की बर्खास्तगी की सिफारिश करते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें महामहिम! आपके अवलोकनार्थ इस बर्बर हिंसा और जानलेवा हमले की सी०डी० संलग्न है ।

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