रांची सदर अस्पताल में 300 बेड चालू नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने जतायी नाराजगी
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने रांची सदर अस्पताल में 300 बेड चालू नहीं किये जाने पर नाराजगी जतायी है। अदालत ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते झारखंड के लोगों की जिंदगी से खेलने की इजाजत नहीं दी जायेगी। यह बहुत ही दुखद है कि सरकार ने सदर अस्पताल में 300 बेड चालू कराने को प्राथमिकता में नहीं रखा। कोर्ट ने यह भी कहा कि जो काम सरकार चाहती है, वह पूरा होता है और जो नहीं चाह रही, वह अधूरा ही रह जाता है। सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए।
अदालत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत में ही हमने सरकार से पूछा था कि क्या उनके पास बेड, पारा मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। उस वक्त सरकार ने सारी व्यवस्था पूरी कर लेने की बात कही थी। लेकिन अभी रांची के सभी अस्पतालों में बेड फुल हो गये हैं और संक्रमण पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है।
ऐसे में मुख्य सचिव होने के नाते स्वास्थ्य व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी आपकी थी। लेकिन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। कोर्ट ने सदर अस्पताल में 500 बेड शुरू करने का आदेश दिया था। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण कोरोना काल में भी लोग 300 बेड से वंचित रहे। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ने कोर्ट को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कांट्रेक्टर ने कई बार समय देकर काम पूरा नहीं किया। अदालत ने सरकार को पूरी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने को कहा। मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी है।