गया का छात्र बना इसरो का वैज्ञानिक, जानिये उसके संघर्ष और सफलता की कहानी.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : एक बिहारी छात्र ने अपने शहर गया का नाम दुनिया भर में रौशन कर दिया है.गया के खरखुरा मोहल्ले के मध्यवर्गीय परिवार (Middle Class Family) महेंद्र प्रसाद के बेटे सुधांशु कुमार का इसरो में बतौर वैज्ञानिक में चयन हुआ है. देश भर से कुल 11 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है.सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद घर में ही आटा मिल चलाते हैं. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से सुधांशु ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की.

सुधांशु ने  इंटर की परीक्षा पास कर एनआईटी कुरुक्षेत्र से 2015- 19 में सिविल स्ट्रीम से बीटेक किया. इस दौरान उसका कैंपस सिलेक्शन हो गया और जून 2019 में एनसीबी फरीदाबाद में प्रोजेक्ट इंजीनियर के पद पर उनका चयन हो गया. 1 साल तक वहां काम करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर आईआईटी रुड़की से एमटेक किया. एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने इसरो की परीक्षा दी. परीक्षा के बाद लॉकडाउन की वजह से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए उनका इंटरव्यू लिया गया, जिसके बाद सुधांशु का चयन इसरो में वैज्ञानिक के रूप में हो गया. अब वे जॉइनिंग लेटर के इंतजार में हैं.

सुधांशु अपने जॉब से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने  सोशल मीडिया और उन सभी दोस्तों से दूर होकरह सिर्फ पढ़ाई शुरू की .सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद बताते हैं कि सुधांशु ने काफी मेहनत की है. आज भले ही उसने अपने परिवार और पूरे गांव का नाम रोशन किया है, लेकिन एक स्थिति ऐसी भी आई थी कि दूसरे से पैसे मांग कर अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया.सुधांशु की मां बिंदु देवी इस बात से बहुत खुश हैं कि उनका  बेटा वैज्ञानिक बनने जा रहा है.

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