लालू की वो कुर्ताफाड़ होली, देश दुनिया में छा जाता था बिहार .

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : होली को एकालग पहचान RJD सुप्रीमो लालू यादव ने दी थी.उनकी कुर्ताफाड़ होली देश भर में मशहूर थी.होली के दिन सारे मीडिया चनिनालों के ओबी वैन लालू यादव के घर के बाहर खड़े नजर आते थे.देश विदेश की मीडिया लालू यादव की हुडदंग होली को कवर करता था.लेकिन इसबार लालू यादव के जेल में होने की वजह से RJD नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भी होली नहीं मनाने का फैसला लिया है. राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता-कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके भगवान जैसे नेता (God Like Leader) लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) आज संकट के दौर से गुजर रहे हैं. वे जब तक जेल में रहेंगे, आरजेडी के नेता व कार्यकर्ता होली नहीं खेलेंगे.

अब लालू के जेल से बाहर आने के बाद ही आरजेडी की होली होगी. तब तक पार्टी का कोई सदस्‍य अबीर-गुलाल से परहेज करेगा. एक वो भी जमाना था, जब बिहार में लालू की होली का रंग छा जाता था. तब नेता व कार्यकर्ता के बीच का सारा भेद मिट जाता था.लालू के घर के दरवाजे हर आम व खास के लिए खोल दिए जाते थे. लालू विरोधियों को भी पकड़-पकड़ कर रंग लगाते थे.लोगों के कुरते फाड़ देते थे.लेकिन लालू यादव के जेल जाने के साथ ही बिहार की होली फीकी पड़ गई है.

लालू की होली का क्‍लाइमेक्‍स 90 के दशक का वह दौर था, जब पहले वे खुद, फिर उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी मुख्‍यमंत्री थीं. तब रंगों के साथ कीचड़ से सराबोर तथा फटे कुर्ते में लालू का गंवई अंदाज उन्‍हें आम लोगों से कनेक्‍ट कर देता था.तब होली के दिन सुबह सात बजे के पहले से ही आम व खास लोग लालू प्रसाद यादव के आवास पर पहुंचने लगते थे. सुबह में जमकर फाग व रंग का दौर चलता था. दोपहर आते-आते कुर्ताफाड़ होली में वहां मौजूद सबों के कुर्ते फाड़ दिए जाते थे. इसके बाद लालू की गोशाला से गोबर व कीचड़ लाया जाता था.इस कीचड़ होली के बाद अपराह्न काल में अबीर-गुलाल की होली शुरू हो जाती थी. होली गायन का दौर भी चलता था, जिसमें लालू खुद ढोल-मंजीरा लेकर नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ फाग गाने बैठते थे.

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