सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन मंगलवार को 7वीं और 10वीं जेपीएससी परीक्षा में जीएस पेपर एक और जीएस पेपर दो में पास मार्क्स 40 प्रतिशत औसत किया गया है। विधायक अमित मंडल ने ध्यानाकर्षण के दौरान इसमें त्रुटि होने का मामला सदन में उठाया।
मंडल ने बताया कि छठी जेपीएससी में जीएस पेपर दो का प्रावधान इसलिए किया गया था कि यहां के स्थानीय को प्राथमिकता मिले। जीएस पेपर दो में राज्य से संबंधित होता है। पिछली परीक्षा में दोनों में अलग से 40 प्रतिशत पास मार्क्स लाना था। वहीं, इस बार एवरेज 40 प्रतिशत पास मार्क्स है। इसका मतलब कोई जीएस पेपर एक में 70 प्रतिशत मार्क्स लाता है और पेपर दो में 10 प्रतिशत मार्क्स भी लाता है तो उसे पास घोषित कर दिया जाएगा।
विधायक अमित मंडल ने यह मांग किया कि झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज रूल 2021 में काफी त्रुटियां हैं। इसको सुधार करने के बाद ही परीक्षा ली जाए। जब तक दोनों विषयों में अलग-अलग पास मार्क्स निर्धारित नहीं किया जाएगा तब तक स्थानीय लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसलिये इस नियम में बदलाव किया जाना चाहिये।
इस पर जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार अलग-अलग पास मार्क्स निर्धारित करने पर विचार करेगी। अमित मंडल ने ध्यानाकर्षण के दौरान कहा कि झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज रूल 2021 में कई त्रुटियां हैं। इसे रद्द कर फिर से ड्राफ्ट किया जाना चाहिए। विधायक का अमित मंडल ने जेपीएससी की उम्र सीमा के कट ऑफ डेट को अगस्त 2011 से 2016 करने का भी विरोध किया।