सिटी पोस्ट लाइव : पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां कमर कास चुकी है. पार्टियों ने अपने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी कर दी. इतना ही नहीं तोड़-जोड़ की राजनीति अपने चरम पर है. तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक ममता का दामन छोड़ भाजपा का दामन थाम चुके है. वहीं अब ममता के घर में JDU ने भी सेंध लगाने की बड़ी तैयारी कर ली है. जेडीयू के तीर से बहुत जल्द ममता के कई विधायक टूट कर JDU के टिकट पर बंगाल में चुनावी क़िस्मत आजमा सकते हैं.
बंगाल में JDU के प्रभारी एमएलसी गुलाम रसूल बलियावि ने दावा किया है की ममता बनर्जी के पार्टी के कई विधायक JDU के संपर्क में है और बहुत जल्द JDU में शामिल होकर पार्टी के टिकट पर बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, बलियावि की माने तो बंगाल के पूर्व स्पीकर कलीमुद्दीन शम्स के पुत्र मोइनुद्दीन शम्स, विधायक नलहट्टी ने उनसे मुलाक़ात की है. खबर है की मंगलवार को कई और पूर्व और वर्तमान विधायकों के साथ JDU में शामिल हो जाएंगे.
इन सब के बीच जदयू भी मुसीबतों में घिरी हुई दिखाई दे रही है. जदयू ने पहले चरण के लिए जिन चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला लिया है उनमें तीन प्रत्याशियों का नामांकन रद्द कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल चुनाव के लिए पहले चरण में जदयू ने पश्चिमी मिदनापुर और बांकुरा इलाकों में कुल चार उम्मीदवार दिए थे. लेकिन पार्टी के लिए मुश्किलें तब पैदा हो गयी जब उनके तीन उम्मीदवारों का नामांकन रद्द कर दिया गया. पश्चिम बंगाल में पहले चरण का चुनाव पांच जिलों में है. जहां के 30 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है.
बंगाल में पहले चरण के लिए पुरुलिया, पश्चिमी मिदनापुर , बांकुरा पार्टर, पूर्वी मिदनापुर तथा झारग्राम में मतदान होने हैं. जदयू ने मिदनापुर और बांकुरा इलाकों में अपने चार उम्मीदवारों को इस चरण के लिए उतारा था. जदयू ने आदिवासी इलाकों पर निशाना साधा था. जांच के बाद इन चार में तीन प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं पाया गया जिसके बाद उम्मीदवारी रद्द कर दी गई और अब केवल एक ही प्रत्याशी जदयू के तरफ से चुनावी मैदानी में बचे हैं.