सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी JDU में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी RLSP के विलय का रास्ता साफ़ हो चूका है. 14 मार्च को उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जनता दल यूनाइटेड के साथ औपचारिक विलय हो जाएगा. इस मौके पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद होगें. आरएलएसपी के एक वरिष्ठ नेता के ‘रालोसपा ने जदयू के साथ विलय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मंजूरी लेने के लिए 13-14 मार्च को पटना में दो दिवसीय बैठक बुलाई है.’ माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा 2020 में मिली हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने विलय का फैसला लिया है.
गौरतलब है कि लोक सभा चुनाव में RLSP को करारी हार का सामना करना पड़ा था. बिहार विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिला. इस संभावित विलय का बिहार की राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. जदयू वरिष्ठ नेता के अनुसार रालोसपा का जदयू के साथ विलय की योजना को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है. 14 मार्च को पटना में घोषित किए जाने की उम्मीद है.
विधान सभा चुनाव में JDU को भारी नुकशान हुआ है.JDU के पास केवल 43 विधायक हैं और एनडीए सरकार में जूनियर पार्टनर है..74 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी 2020 के विधानसभा चुनावों में बड़े भाई के रूप में उभरी थी.हाल ही में बिहार विधानसभा चुनावों में आरएलएसपी ने एक अलग गठबंधन के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ा था, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी शामिल थी. उपेंद्रु कुशवाहा ने खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, मगर रालोसपा एक भी सीट जीत नहीं पाई.
आज की तारिख में नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा दोनों को एक दुसरे की जरुरत है.दोनों एकसाथ होकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं.लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस विलय के बाद JDU में उपेन्द्र कुशवाहा की क्या हैसियत होती है.चर्चा ये भी है कि उन्हें विधान पार्षद के साथ मंत्री भी बनाया जा सकता है.हालांकि राजनीतिक पंडितों का मानना है कि एमएलसी और मंत्री बनने से उपेन्द्र कुशवाहा का राजनीतिक कद नीतीश कुमार के सामने बहुत छोटा हो जाएगा.