सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के नौवें दिन बुधवार को पेयजल स्वच्छता विभाग की 33 अरब 72 करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक की अनुदान मांग को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गयी। इस दौरान भाजपा विधायक मनीष जायसवाल की ओर से लाये गये कटौती प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। विधानसभा में भोजनावकाश के बाद अनुदान मांग पर वाद-विवाद के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बताया कि 10 वर्षाें में राज्य में सिर्फ 04 लाख 40 हजार घरों तक पाईप लाइन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया गया, लेकिन उनकी सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में ही करीब ढाई लाख घरों तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का काम किया है।
विधानसभा में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की अनुदान मांग पारित
उन्होंने बताया कि राजधानी रांची के गेतलसूद डैम से अब शहर में वर्ष भर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही हटिया डैम के कैचमेंट एरिया को दुरूस्त करने के लिए स्वर्णरेखा नदी के जल को डैम तक उपलब्ध कराने की योजना बन रही है। ठाकुर ने बताया कि शहर में हरमू में एक स्थान से वर्षाें तक पाइप लाइन को पास नहीं कराया जा सका था, लेकिन उनकी सरकार के कार्यकाल में यह काम भी पूरा हो गया है। अब उन इलाके के लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलेगा, जो अब तक स्वच्छ पेयजल की सुविधा से वंचित थे।
पेयजल स्वच्छता मंत्री ने बताया कि गढ़वा में वर्ष 2013 से पेयजलापूर्ति योजना ठप थी। इसकी शुरुआत 20 मई को होगी। इसी तरह से चाईबासा में भी 2013 में पेयजल आपूर्ति की योजना बनायी गयी, जिसका शिलान्यास 12 मार्च को होगा। वहीं, पिछली सरकार में पूरे राज्य को ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन बहुत जगह शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इन सारी कठिनाईयों को अब दूर किया जाएगा। वाद-विवाद में विधायक मनीष जायसवाल, बंधु तिर्की, लंबोदर महतो और विनोद कुमार सिंह समेत अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार को 11:00 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी।