रेप हुआ वर्ष 1994 में और मामला दर्ज हुआ 26 साल बाद 2021 में

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : रेप की शिकार एक महिला ने 26 वर्षों के बाद खामोशी तोड़ी है. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक महिला ने 26 वर्ष के बाद, खुद के साथ हुए रेप की एफआईआर दर्ज करवाई है. एफआईआर के अनुसार  26 साल बाद भी केस दर्ज कराने के लिए रेप पीड़िता को 6 महीने तक कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ये घटना वर्ष 1994 की है. महिला ने पुलिस को बताया है कि जब वो 12 वर्ष की थी तो पड़ोस में रहने वाले दो सगे भाइयों 25 वर्ष के नकी हसन और 22 वर्ष के गुड्डू ने उसके साथ 1 वर्ष तक रेप किया था.

इसकी वजह से वो गर्भवती हो गई. 13 वर्ष की उम्र में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था. बदनामी के डर से बच्चे को किसी दूसरे परिवार को गोद दे दिया. 20 वर्ष की उम्र में घटना के 6 साल बाद वर्ष 2000 में महिला की शादी हो गई. लेकिन शादी के कुछ वर्षों के बाद महिला के पति को इस घटना की जानकारी हुई और उसने महिला को तलाक दे दिया. महिला की कोई गलती नहीं थी फिर भी वो अपनी जिंदगी को सजा की तरह बिताने को मजबूर थी.

दूसरी ओर पीड़ित महिला का बेटा भी बड़ा हो चुका था. जब वो 11 वर्ष का हुआ तो उसके दत्तक माता-पिता उसे पीड़िता के पास छोड़कर चले गए. ये बच्चा जैसे जैसे बड़ा हुआ, अपनी मां से अपने बारे में अपनी पहचान के बारे में सवाल करने लगा. कुछ वर्षों तक मां सच छुपाती रही, लेकिन बेटे ने जब अपनी जान देने की धमकी दे दी तो पिछले वर्ष मां ने अपने बेटे को सब सच बता दिया. लेकिन बेटे के इस सवाल का जवाब उसके पास नहीं था कि उसके पिता कौन हैं क्योंकि, बलात्कार की इस घटना में दो लोग शामिल थे.

बेटे ने मां के साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ने का फैसला किया. अपनी मां को इस लड़ाई के लिए तैयार किया. मां ने भी अपने बेटे के अधिकार के लिए पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करवाई है. हालांकि 26 वर्ष बाद ये केस दर्ज करवाना आसान नहीं था. 6 महीने तक पुलिस थानों के चक्कर काटने के बाद भी महिला की सुनवाई नहीं हुई. तब महिला ने शाहजहांपुर जिला अदालत में शिकायत की.

इस वर्ष 12 फरवरी को अदालत ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया. जिसके बाद 4 मार्च को एफआईआर दर्ज हुई है. इस बात को एफआईआर में भी लिखा गया है कि महिला महीनों तक पुलिस के पास शिकायत लेकर जाती रही, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी. अब अदालत के हस्तक्षेप के बाद शिकायत दर्ज की गई है. इस मामले में अभी तक पुलिस ने एक आरोपी से पूछताछ की है. दूसरे आरोपी से पूछताछ की जानी अभी बाकी है. मां की शिकायत के बाद बेटे का और दोनों आरोपियों का डीएनए टेस्‍ट कराया जा सकता है. ताकि तय हो सके कि बेटे का असली पिता कौन है और आरोपियों को सजा मिल सके.

इस केस में डीएनए टेस्‍ट सबसे बड़ा आधार बन सकता है. अगर पिता और बेटे का संबंध स्थापित हो जाता है तो ये केस आगे बढ़ेगा. ये केस भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 376(2) के तहत दर्ज किया गया है. ये धारा गैंगरेप के मामले में लगाई जाती है और इसके तहत दोषी पाए जाने पर आरोपियों को 10 वर्ष की सजा हो सकती है.

Share This Article