सिटी पोस्ट लाईव :आईआईटी जेईई एडवांस की परीक्षा में एकबार फिर से गया जिले के मानपुर के बुनकर नगरी पटवा टोली के बच्चों ने झंडा गाद दिया है.इस साल पटवा टोली से 5 छात्रों का चयन आईआईटी के लिए हुआ है. बच्चों ने पटवा टोली में पिछले 25 सालों से चले आ रहे परंपरा को कायम रखा है.
सफल प्रतिभागियों में एक प्रतिभागी बुनकर मजदूर परिवार का है तो दूसरा जनरल स्टोर का दुकान चलाने वाले परिवार से है. छात्रों ने कभी विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत नहीं हारी और जेईई एडवांस में सफलता हासिल कर 25 वर्षों से पटवा टोली में जारी परम्परा को कायम रखा. जेनरल स्टोर चलाने वाले लालकेश्वर प्रसाद के बेटे चन्दन प्रकाश ने सामान्य वर्ग में 5748वां स्थान और ओबीसी कोटे में 978वां स्थान प्राप्त किया है.
वही आईआईटीयन भाई का अनुज और लूम मजदूर व धागा रंगाई करने वाले का बेटा अंकित कुमार अपने घर का परंपरा कायम रखते हुए सामान्य वर्ग में 8331 और ओबीसी वर्ग में 1522वां स्थान प्राप्त किया. जयप्रकाश को सामान्य वर्ग में 6828 और ओबीसी वर्ग में 1195वां स्थान, परमानंद कुमार अपने दूसरे प्रयास में सामान्य वर्ग में 9751 और ओबीसी वर्ग में 1830वां स्थान हासिल किया. रवि कुमार ने ओबीसी कैटेगरी में 2341वां स्थान हासिल किया है.
गौरतलब है कि पिछले 25 वर्षों में मानपुर पटवा टोली के कुल 139 प्रतिभागी आईआईटीएन और 2 डॉक्टर बने हैं. लेकिन इस वर्ष सिर्फ 5 छात्रों के सफल होने के वजह निवासियों में मायूसी भी थी. पिछले साल 22 प्रतिभागियों का चयन आईआईटी में हुआ था. पिछले बार से काफी कम रिजल्ट रहने के कारण लोगों को थोड़ी निराशा थी. इस संबंध में छात्रों ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में कटऑफ मार्क्स का ज्यादा होना और बदले हुए पैटर्न के वजह से नतीजे उत्साहवर्धक नहीं रहे. इस साल 50 प्रतिभागी जेईई मेंस में सफल हो कर एडवांस में शामिल हुए थे.
साल 1992 में आईआईटी में पहली बार किसी छात्र के चयन होने के करीब 15 वर्ष बाद पटवा टोली का नाम सुर्खियों में आया. साल 2006 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मानपुर स्थित पटवाटोली पहुंचे थे और छात्रों को सम्मानित किया था. पटवा टोली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां सुबह 5 बजे से रात के 1 बजे तक पावरलूम चलते रहते हैं और इसकी आवाज इतनी तेज होती है कि लोग थोड़ी देर भी यहां खड़े नहीं हो सकते. इन तमाम परेशानियों के वावजूद पटवा टोली के छात्र शुरू से अबतक आईआईटी में अपना परचम लहराते आये हैं.