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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइन्स जारी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा?

सोशल मीडिया पर सख्त हुई सरकार, कंटेंट से लेकर सर्कुलेशन तक पर कसी नकेल

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सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र सरकार ने आज सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं. केंद्र सरकार ने ओटीटी (OTT), न्यूज पोर्टल (News Portal) और सोशल मीडिया (Social Media) के लिए नई गाइडलाइन्स की घोषणा कर दी है. इसके दायरे में फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्‍स और नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, हॉटस्‍टार जैसे ओटीटी प्‍लेटफॉर्म्‍स आएंगे. नियम के अनुसार, अगर महिलाओं के सम्‍मान से खिलवाड़ की शिकायत हुई तो 24 घंटें में कंटेंट हटाना होगा.

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा, ‘हमने इसपर कोई सेंसर नहीं लगाया है. सरकार ने उनसे कंटेंट को 5 कैटेगरी में कैटेगराइज करके उम्र के हिसाब से कंटेंट तय करने के लिए कहा है. ताकि जब फिल्म OTT पर चले तो लोगों को पता हो कि अब इसमें कैसे सीन आने वाले हैं और वो फैसला कर सकें कि उन्हें कौन सा सीन अपने बच्चों को देखने देना है या नहीं.’सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के लिए बनाई गई गाइडलाइन्स पर बोलते हुए कानून मंत्री ने कहा, ‘भारत में करीब 140 करोड़ सोशल मीडिया अकाउंट्स हैं, जिसमें वॉट्सऐप के यूजर्स 53 करोड़, यूट्यूब के 44.8 करोड़, फेसबुक के 41 करोड़, इंस्टाग्राम के 21 करोड़ और ट्विटर के 1.75 करोड़ हैं. भारत के लोकतंत्र में बोलने की आजादी है, आलोचना करने की आजादी है. लेकिन अगर प्लेटफार्म का दुरुपयोग होता है और कोई यूजर उसे लेकर शिकायत करता है, तो उसका समाधान करना होगा.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि  अधिकारियों को 24 घंटे में शिकायत रजिस्टर करनी होगी और 15 दिनों के अंदर उसका समाधान करना होगा. इसके अलावा जो सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया कंपनी है, उनको एक चीफ कम्‍प्‍लायंस ऑफिसर रखना होगा जो भारत का निवासी होगा, एक नोडल कॉन्‍टैक्‍ट पर्सन नियुक्त करना होगा जो कानूनी एजेंसियों के चौबीसों घंटे संपर्क में रहेगा और ग्रीवांस अफसर भी रखना होगा.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर किसी यूजर के खिलाफ गलत या तथ्यहीन वीडियो या कोई पोस्ट कहीं पर भी प्रसारित की जाती है तो अब यूजर उसकी शिकायत कर सकेगा. सरकार ने मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ‘शिकायत निष्पादन सिस्टम’ बनाने के लिए कहा है जो इन शिकायतों पर सुनवाई करेगा. ऐसे में अगर उस पर कार्रवाई नहीं होती है तो यूजर कोर्ट या अन्य सरकारी संस्था की भी मदद ले सकता है.

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