सिटी पोस्ट लाइव : कटिहार के कुरसेला प्रखंड क्षेत्र के किसानों को सब्जियों के ‘राजा’ से बहुत उम्मीद थी, लेकिन मुनाफे की आस में कंगाली के कगार पर पहुंच गए हैं। आलू की खेती करने वाले किसान इस साल नुकसान में हैं। जब उन्होंने बोवनी की थी तब आलू का बीज 5 हजार से 55 सौ रुपये प्रति क्विंटल तक मिला और जब फसल बिकने का समय आया तो आलू के दामों में एकदम से गिरावट दर्ज की गई। 55 रुपये प्रति किलो बोवनी के बाद आलू थोक में मात्र 7 से 8 रुपये किलो तक बिक रहा है।
किसान आलू की फसल को लेकर घाटा महसूस कर रहे हैं। किसानों के अनुसार जब उन्होंने बोवनी की थी तब आलू का बीज 30 से 35 रुपये किलो मिल रहा था। उस वक्त आलू के दाम फुटकर मार्केट में यही चल रहे थे। बोवनी के बाद अब बाजार में आलू के दामों में एकदम से गिरावट आई और आलू 10 से 12 रुपये किलो तक फुटकर मार्केट में मिल रहा है।
थोक में किसानों को आढ़त पर 7 से 8 रुपये किलो दिये जा रहे हैं। एकाएक आई इस मंदी से किसान सदमें में हैं । हालांकि इससे उपभोक्ताओं में खुशी की लहर है। हालांकि किसानों का मानना है कि बोवनी के समय जानबूझ कर कृत्रिम कमी पैदा की जाती है। जिससे बीज महंगे दामों पर मिले। कुरसेला के किसान चुल्हाय मंडल ने बताया कि बाजार में आलू की बोवनी से लेकर पैदावार करने में समय लगता है।
कटिहार से रतन कुमार की रिपोर्ट