गुजरात को भी बहुत पीछे छोड़ चुका है बिहार, जानिये क्या कहती है आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट

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सिटी पोस्ट लाइव : क्या आपको पता है कि बिहार ने गुजरात को भी पीछे छोड़ दिया है.अगर नहीं तो आप  बिहार सरकार की तरफ से जारी किये गए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर एक नजर डाल लीजिये.इस रिपोर्ट के अनुसार  राज्य का विकास दर राष्ट्रीय विकास दर से भी ज्यादा है. राष्ट्रीय विकास दर 4.2 फ़ीसदी है लेकिन बिहार का विकास दर 10.5 फीसदी है. राज्य की विकास दर की रफ्तार गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों से ज्यादा तेज है. इतना ही नहीं राज्य के लोगों की सालाना आय में भी पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन फिर भी यह राष्ट्रीय औसत का केवल 36.2 फ़ीसदी है.

देश के अंदर लोगों की सालाना आय 94954 रुपये है जबकि बिहार में अभी भी प्रति व्यक्ति सालाना आय 34413 रुपये तक पहुँच गई है.पटना के लोग बाकी बिहारियों से ज्यादा कमाते हैं. पटना में प्रति व्यक्ति आय बिहार से 3 गुना ज्यादा है. पटना के लोगों की औसत आय 112604 सालाना है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में पटना के साथ-साथ बेगूसराय, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और भागलपुर सबसे ऊपर हैं.प्रति व्यक्ति आय के मामले में किशनगंज, अररिया, नवादा, सुपौल और शिवहर सबसे निचले पायदान पर हैं. उदहारण के तौर पर अगर  पटना से शिवहर की तुलना की जाए तो शिवहर के लोगों से 6 गुना अधिक अमीर पटना के लोग हैं. 5 वर्षों में पटना के जिले के लोगों की आय 21197 रुपये बढ़ी है जबकि शिवहर के लोगों की आय में केवल 2041 रुपये का इजाफा हुआ है.

जनसंख्या के हिसाब से भी देश में बिहार तीसरे स्थान पर है. 2021 में राज्य की अनुमानित आबादी 12.48 करोड़ होगी. राज्य की जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक से अधिक होने के कारण हमारे जनसंख्या में वृद्धि हो रही है. बिहार अगर हम दो हमारे दो के पैमाने पर आए तो इसके लिए मौजूदा प्रजनन दर के हिसाब से तकरीबन 20 साल और लगेंगे.इन सरकारी आंकड़ों में कितना दम है ये तो आप ही तय करेगें.

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