सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में बॉडीगार्ड घोटाला हो रहा है. सीएजी की रिपोर्ट से बिहार में बॉडीगार्ड घोटाले का खुलासा हुआ है.बिहार में वर्ष 2017 से लेकर 2021 तक कई आपराधिक और माफिया प्रवृत्ति के लोगों को भी बॉडीगार्ड मुहैया कराए जाने का खुलासा हुआ है. CAG रिपोर्टर के आधार पर RTI कार्यकर्ता शिवकुमार राय ने कोर्ट जाने की दी चेतावनी दी है.
सूचना के अधिकार कानून के तहत प्राप्त जानकारी से पता चला है कि प्रदेश में बॉडीगार्ड घोटाला हुआ है. आरटीआई के जरिये मांगी गई जानकारी का जबाब देते हुए कैग की रिपोर्ट कहती है कि सिस्टम की मिलीभगत से बॉडीगार्ड घोटाला कर राज्य सरकार को 100 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का चूना लगाया गया है.गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने बड़ी संख्या में लोगों को बॉडीगार्ड मुहैया कराने के मामले में सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी. सीएजी से मांगी गई इस जानकारी में प्रदेश के दर्जनभर से ज्यादा जिलों में वित्तीय गड़बड़ियां सामने आई हैं.
कैग के अनुसार सरकार ने अरवल जिले में सबसे ज्यादा 1.24 करोड़ रुपये बॉडीगार्ड पर खर्च किए. अररिया में भी 1 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी की गई. इसके अलावा समस्तीपुर में 1 करोड़, पटना में 87 लाख, गया में 73 लाख और बक्सर में 44 लाख रुपये के साथ ही कई अन्य जिलों में भी निजी लोगों के बॉडीगार्ड पर पैसे खर्च हुए. इससे सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ.
आरटीआई एक्टिविस्ट ने नियमों का हवाला देते हुए बताया कि हाईकोर्ट का साफ आदेश है कि वैसे लोगों पर ही बॉडीगार्ड के मद में सरकार पैसे खर्च कर सकती है जो सामाजिक सरोकार से जुड़े हों या उनकी जान पर किसी प्रकार का खतरा हो. लेकिन रिपोर्ट में सामने आया है कि कई आपराधिक प्रवृत्ति और माफिया किस्म के लोगों को भी बॉडीगार्ड मुहैया कराए गए. इसके बदले में राशि नहीं वसूली गई.