सिटी पोस्ट लाइव : भारत सरकार द्वारा देश मे भले ही तीन तलाक कानून को खत्म कर दिया गया हो लेकिन इस्लामिक समाज में आज भी इन कुरीतियों के तौर पर महिलाओ को इसका शिकार होना पड़ रहा है. दरअसल शेखपुरा में भी तीन तलाक का मामला सामने आया है. शेखपुरा पुलिस अधीक्षक कार्तिके के शर्मा के समक्ष चोढ़दरगाह गांव से एक मुस्लिम महिला फरियाद लेकर आई है. अरियरी प्रखंड क्षेत्र के महुली ओपी क्षेत्र अंतर्गत चोढ़दरगाह गांव निवासी मोहम्मद यासीन की 27 वर्षीय पुत्री रुखसाना परवीन ने शेखपुरा एसपी कार्तिकेय शर्मा से न्याय की गुहार लगाई है.
पुलिस अधीक्षक कार्तिके के शर्मा को लिखित आवेदन देकर उसके साथ हुई नाइंसाफी के लिए रुखसाना ने न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित महिला ने अपने लिखित आवेदन में बताया है, कि साढ़े 6 साल पहले उसके मां-बाप ने पूरी इस्लामिक रीति रिवाज से दहेज देकर उसकी शादी नवादा जिले के बुंदेलखंड थाने के अंसार मंजिल मुहल्ले के अंसार नगर निवासी मोहम्मद सिकंदर आलम के साथ करवाई गई थी. शादी के कुछ ही समय बाद ससुराल वालों ने ₹500000 पांच लाख की डिमांड की. काफी परेशान करने के बाद उसके गरीब मां-बाप से डेढ़ लाख का इंतजाम हो पाया जो उसने दे दिया.
उसके बाद भी दहेज लोभियों का लोभ समाप्त नही हुआ और लगातर दहेज की मांग आज तक करते रहे. पैसे की डिमांड पूरी नहीं होने पर 5 महीने पहले उसे ससुराल वालों ने घर से बाहर निकाल दिया. यही नहीं उसके साथ ही महिला के बेटे को भी घर से भगा दिया गया. उसके बाद पीड़ित महिला ने अपने मायके में ही रहना शुरू कर दिया. हद तो तब हो गई जब विगत 1 सप्ताह पहले उसके पति ने फोन किया और तीन तलाक बोलकर उसे तलाक दे दिया.
जिसके बाद महिला ने मजबूरन इस घटना की गुहार एसपी कार्तिके शर्मा से लगाई है. एसपी ने भी महिला और उनके परिजन को पूरा-पूरा न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है. बहरहाल केंद्र सरकार के तीन तलाक की बंदी के बाद भी महिलाओ को इन कुरीतियों का शिकार होना पड़ रहा है जो दुर्भाग्य है. अब देखना यह लाजमी होगा कि केंद्र की तीन तलाक बन्द के बाद भी इस तरह का मामला अगर सामने आया है तो सरकार और प्रशासन इस मसले पर क्या संज्ञान लेती है ।
शेखपुरा से धीरज कुमार की रिपोर्ट