सिटी पोस्ट लाइव : शेखपुरा में अधिकारियों की अनियमितता तो आपने बहुत सुनी होगी, लेकिन ताजा मामला जिले के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत एसकेआर कॉलेज में खुले पोस्ट ऑफिस कर्मी की है. एसकेआर कॉलेज के प्राचार्य नवल प्रसाद बताते हैं कि उनके कॉलेज में डाक विभाग के द्वारा डाक ऑफिस खोला तो गया था, जिसमें 2 कर्मियों की तैनाती भी कराई गई थी. लेकिन ये पोस्ट ऑफिस आजतक शुरू नहीं हुआ. कर्मियों की तैनाती पिछले 5 वर्षों से एसकेआर कॉलेज में है, लेकिन आज तक दोनों में से किसी कर्मियों ने कॉलेज के डाकघर में जाकर अपना ड्यूटी बजाना जरूरी नहीं समझा.
इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य नवल प्रसाद ने लिखित आवेदन डाक विभाग के हेड ऑफिस को भी दिया है, और जिला प्रशासन को भी. लेकिन अधिकारियों ने इस मसले को संज्ञान में लेना जरूरी नहीं समझा है. जिससे सरकारी राशि का दुरुपयोग और प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ रही है. बड़ा सवाल यह है कि प्रचार्य ने जब इसकी लिखित शिकायत विभाग और जिला प्रशासन को किया तो आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई. प्रचार्य ने मीडिया को बताया है कि डाक विभाग ने पांच वर्ष पहले कॉलेज के पोस्ट ऑफिस में दो कर्मियों की तैनाती कराई गई. जिन्हें कॉलेज प्रशासन ने सभी सुविधा मुहैया भी कराया.
लेकिन कॉलेज पोस्ट ऑफिस में तैनात दोनो डाक कर्मी ने आज तक ड्यूटी करना जरूरी नहीं समझा। यह तो मामला एक कॉलेज का है लेकिन जिले के प्रखंडो में अगर डाक विभाग के द्वारा जाँच किया जाये तो कई ऐसे मामले देखे जा सकते हैं, जहाँ बिना ड्यूटी किये डाक कर्मी वेतन उठा रहे है. जरूरत है कि जिला प्रशासन भी इस मसले को संज्ञान में ले और जांच कर उचित कार्रवाई करे. हालांकि तत्काल दोनों डाककर्मियों को प्रभाव मुक्त किया गया है अब देखना यह लाजमी होगा कि पांच वर्षों से हो रही सरकारी राशि का दुरुपयोग पर आखिर सरकार डाक विभाग और जिला प्रशासन क्या करवाई करती है.