दरअसल इस तरह से हुआ नकली गोल्ड लोन लेने का मामला. 11 मई को बैंक के अधिकृत सोना चांदी जांच एक्सपर्ट सतीश प्रसाद मांझा बाजार के मो. यूनिस के साथ बैंक आकर सर्विस मैनेजर सुरेश राम और कैश अधिकारी प्रवीण पाठक से मिले और कहा कि गोल्ड लोन लेना है. इसके एवज में मोटी रकम देने की पेशकश भी की गई. यूनिस अपने साथ नकली सोना के हार, चेन, अंगूठी, सिकड़ी लाया था. जब दोनों अधिकारियों को संदेह हुआ तो उन दोनों को पकड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन नकली गहना छोड़ दोनों भाग गए. इसके बाद संदेह पुख्ता हो गया और इसकी सूचना प्रबंधक को दी गई.जांच शुरू हुई तो ये बड़ा खेल उजागर हुआ.
सिटी पोस्ट लाईव : अगर आप ये सोंच कर किसी बैंक में सोना लेकर जा रहे हैं कि आप अपना सोना रखकर गोल्ड लोन ले लेगें तो भूल जाइए.अब बैंक आपको गोल्ड लोन देने के पहले सौबार सोचेगें .क्योंकि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आपका सोना सोलह फीसदी सोना है.जिसे अपने सोना समझ कर खरीदा है वह पीतल भी निकल सकता है.गोपालगंज जिले में ग्राहकों द्वारा बैंकों को नकली सोना देकर गोल्ड लिए जाने के सैकड़ों मामले सामने आये हैं.ये जांच का विषय हो सकता है कि गोल्ड लोन लेनेवाले लोगों ने ये फर्जीवाडा किया है या फिर उनके साथ किसी सोनार ने धोखाधड़ी की है.
गोपालगंज में अकाली सोना देकर करोडो रुपये गोल्ड लोन लिए जाने का मामला गोपालगंज के एक बैंक में सामने आने के बाद जांच पड़ताल शुरू हो गई है. नकली गोल्ड देकर लोन लेने के मामले का खुलासा होते ही जिले के बैंकों ने अपने लॉकर में रखे सोने की पहचान करानी शुरू कर दी है. जैसे-जैसे गोपालगंज शहर के बंजारी मोड़ एसबीआई बैंक की एडीबीआई शाखा की जांच बढ़ रही है रोज नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं. अब तक इस बैंक से 23 करोड़ 90 लाख रुपए का लोन 300 लोगों को दिया गया है. इसमें से 181 की जांच होने पर पता चला कि 77 लोगों का सोना पूरी तरह से नकली है. इन सभी लोगों के खिलाफ बैंक ने मामला दर्ज करवा दिया है .
लेकिन सबसे बड़ा सवाल लोगों ने नकली सोना बैंकों को दिए या फिर सोनार ने लोगों को नकली सोना दिया .दूसरा सवाल क्या बैंकों ने बदल दिया सोना ? कुछ भी हो सकता है .सोनार की धोखाधड़ी हो सकती है.ग्राहक का मंसूबा गलत हो सकता है या फिर बैंक अधिकारियों की हेराफेरी हो सकती है. बैंक के कर्मचारी भी जांच के घेरे में हैं.
एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक के आदेश पर हुई जांच के बाद कई तथ्य उभर कर सामने आए हैं. इस फर्जी कांड को लेकर तत्कालीन शाखा प्रबंधन शैलेन्द्र कुमार ने नगर थाना में गोल्ड लोने लेने वाले 77 लोगों पर नकली सोना जमा कर लोन लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है.
दरअसल इस तरह से हुआ नकली गोल्ड लोन लेने का मामला. 11 मई को बैंक के अधिकृत सोना चांदी जांच एक्सपर्ट सतीश प्रसाद मांझा बाजार के मो. यूनिस के साथ बैंक आकर सर्विस मैनेजर सुरेश राम और कैश अधिकारी प्रवीण पाठक से मिले और कहा कि गोल्ड लोन लेना है. इसके एवज में मोटी रकम देने की पेशकश भी की गई. यूनिस अपने साथ नकली सोना के हार, चेन, अंगूठी, सिकड़ी लाया था. जब दोनों अधिकारियों को संदेह हुआ तो उन दोनों को पकड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन नकली गहना छोड़ दोनों भाग गए. इसके बाद संदेह पुख्ता हो गया और इसकी सूचना प्रबंधक को दी गई.जांच शुरू हुई तो ये बड़ा खेल उजागर हुआ.