सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के शहरी निकायों के कर्मचारी लम्बे समय से एक ही जगह जमे हुए हैं. जिसका नतीजा है कि उन्हें किस का भय नहीं है. काम भी वे अपने हिसाब से ही करते हैं. दफ्तर में बैठक लगती है, और समय खत्म होते ही घर निकल जाते हैं. जिसकी वजह से सरकारी कामकाज प्रभावित होते हैं. इतना ही नहीं वे ठेकों से लेकर तमाम सरकारी योजनाओं को प्रभावित करते हैं. कइयों का मन तो इतना बढ़ा हुआ है कि कार्यपालक पदाधिकारियों तक की नहीं सुनते.
इसकी वजह उनके मन में किसी तरह का भय नहीं है. यहां तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग का भी भय उनके मन में नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि सूबे में निकायों के कर्मचारियों के लिए तबादले की कोई नीति ही नहीं है. लेकिन अब इस कॉकस को तोड़ने की तैयारी है. सरकार जल्द इनके लिए तबादला नीति लाने की योजना बना रही है. तब यह कर्मचारी तय समयसीमा से अधिक किसी निकाय में जमे नहीं रह पाएंगे.
बिहार में मौजूदा शहरी निकायों की संख्या 142 है. बीते दिनों राज्य कैबिनेट 117 नए निकायों के गठन को भी मंजूरी दे चुकी है. इन गठन की प्रक्रिया चल रही है. अंतिम अधिसूचना जारी होना बाकी है। तब निकायों की संख्या बढ़कर 259 हो जाएगी. इन निकायों में तैनात तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए तबादला नीति तैयार करने का काम चल रहा है.