सिटी पोस्ट लाइव: गृह विभाग द्वारा 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के कर्मी जिनकी कार्य दक्षता संतोषजनक नहीं है, उन्हें बिहार सरकार ने जबरिया रिटायर करने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले के बाद 50 से ज्यादा उम्र के कर्मियों की चिंता बढ़ चुकी है तो वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो गयी है. बिहार की राजनीति में अब रिटायरमेंट को लेकर तनातनी हो रही है.
दरअसल, इसे लेकर राजद ने प्रतिक्रिया दे डाली है. राजद नेता मनोज झा ने ट्वीट करते हुए सरकार के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया है. और कहा कि, अक्षमता अगर पैमाना है तो पहले सरकार को ही रिटायर होना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “ये उस राज्य का ‘तुगलकी फरमान’ है जहाँ एक बड़ी आबादी को 40 से 45 वर्ष की उम्र में एक अदद नौकरी बड़ी मुश्किल से मिलती है.और हाँ!’अक्षमता’ अगर पैमाना हो तो ‘शासनादेश’ से उत्पन्न इस सरकार को ही रिटायर हो जाना चाहिए.”
ये उस राज्य का 'तुगलकी फरमान' है जहाँ एक बड़ी आबादी को 40 से 45 वर्ष की उम्र में एक अदद नौकरी बड़ी मुश्किल से मिलती है.और हाँ!'अक्षमता' अगर पैमाना हो तो 'शासनादेश' से उत्पन्न इस सरकार को ही रिटायर हो जाना चाहिए. https://t.co/Z9vTbko66j
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) January 28, 2021
बता दें कि, गृह विभाग के आदेश के अनुसार वैसे सरकारी सेवक जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी हो,जिनकी कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं हो जिससे उन्हें सेवा में बनाए रखने का निर्णय लोकहित में हो, वैसे सरकारी सेवकों के कार्यो की समीक्षा कर बिहार सेवा संहिता के नियम 74 (क) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने की अनुशंसा को लेकर कमेटी का गठन किया जाता है. 50 साल से ज्यादा उम्र के सरकारी कर्मी इस फैसले से परेशान हैं वहीं सरकारी नौकरी का इंतज़ार कर रहे लाखों युवाओं को नौकरी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.