सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संक्रमण के बीच बिहार बोर्ड और इंटरमीडिएट की होनेवाली परीक्षा एक बड़ी चुनौती बननेवाली है. इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग बड़ी चुनौती होगी. परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था और संसाधनों में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराना केंद्र व्यवस्थापक के लिए आसान नहीं होगा. एक बेंच पर दो बच्चों के बीच 2 गज की दूरी तो मेंटेन हो जाएगी, लेकिन आगे-पीछे बैठने वाले परीक्षार्थियों की दूरी मेंटेन की गई तो फिर सेंटर में कमरे कम पड़ जाएंगे. अधिक तापमान वाले बच्चों को अलग कमरे में बैठने की भी व्यवस्था करनी है. ऐसे में परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग के गणित को हल करना परीक्षा केंद्रों के लिए मुश्किल होगा. परीक्षा केंद्रों पर अधिक कमरों की व्यवस्था करनी होगी.
सैनिटाइजेशन की गाइडलाइन का पालन कराना परीक्षा केंद्र पर आसान काम नहीं होगा. हर पाली के पहले सैनिटाइजेशन करना एक बड़ी चुनौती होगी.गौरतलब है कि 4 जनवरी को स्कूल खोला गया तो भी यही निर्देश था, लेकिन स्कूलों में भी इस नियम का पालन नहीं किया जा सका. हर बच्चे का हाथ सैनिटाइज कराना और और फिर कमरों को सैनिटाइज कराना बड़ी चुनौती होगी.एक-एक बच्चे की थर्मल स्कैनिंग करना और फिर अधिक तापमान वाले बच्चों को अलग बैठाने की व्यवस्था करना भी आसान नहीं होगा.
जनवरी में जब स्कूल खोले गए तो इसी शर्त पर खोले गए थे कि हर बच्चे की थर्मल स्कैनिंग कराने का निर्देश दिया गया था. लेकिन स्कूलों में भी इसका पालन नहीं हो पा रहा है.ऐसे में परीक्षा के दौरान कोरोना के गाईडलाइन का पालन कराना बहुत आसान काम नहीं होगा.गौरतलब है कि पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण ही सेंटरों पर दो पालियों में परीक्षा ली जाती है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के कारण अब हर शिफ्ट में संसाधन जुटाना बड़ी समस्या होगी.
एक बेंच पर दो छात्र होंगे लेकिन पिछली और अगली बेंच पर बैठा छात्र कितनी दूरी पर होगा यह बड़ा सवाल है. कोरोना को लेकर टॉयलेट की साफ-सफाई के साथ सैनिटाइजेशन की व्यवस्था का निर्देश है. एक केंद्र पर इतने टॉयलेट भी नहीं होते हैं जिससे छात्रों की संख्या के आधार पर इसे मेंटेंन किया जा सके. ऐसे में परीक्षार्थियों को खुद कोरोना से बचाव को लेकर गंभीर होना होगा.