जेपीएससी के माध्यम से नियुक्तियों का रास्ता साफ, नयी नियमावली बनी

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य सरकार ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के माध्यम से नियुक्तियों का रास्ता साफ किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 1951 से चले आ रहे सिविल सर्विसेज रूल में बदलाव करने का निर्णय लिया है और अब प्रत्येक साल जेपीएससी द्वारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। बैठक समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडलीय सचिवालय एवं समन्वय विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज रूल-2021 की मंजूरी दी गई। इस नए रूल के तहत जेपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली 15 तरह की सेवाओं में अब उम्र सीमा व योग्यता में एकरूपता रहेगी।
जबकि जेपीएससी द्वारा रिजल्ट जारी करने के दौरान सिर्फ सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए कटऑफ मार्क्स निर्धारित किया जाएगा और आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों का कटऑफ मार्क्स सामान्य श्रेणी के कटऑफ मार्क्स से अधिकतम आठ प्रतिशत तक ही नीचे हो सकेगा। इसके अलावा जेपीएसएसी द्वारा निर्धारित मार्क्स से नीचे किसी भी श्रेणी के अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाएगा। प्रारम्भिक परीक्षा में सभी श्रेणी में रिक्तियों के विरुद्ध 15 गुणा अभ्यर्थियों का ही चयन किया जाएगा। जबकि मेन्स में ढाई गुणा अथ्यर्थियों का चयन होगा। वहीं मेरिट लिस्ट में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों का सामान्य श्रेणी में चयन होने तथा वैसे अभ्यर्थियों को मनपंसद सेवा नहीं मिलने पर वैसे अभ्यर्थी आरक्षित श्रेणी से मनपंसद सेवा हासिल कर सकते हैं। अब अंग्रजी व हिन्दी में मिलने वाला अंक फाइनल रिजल्ट में नहीं जुड़ेगा। भाषा संबंधी बिषयों की परीक्षा सिर्फ क्वालीफाईंग मार्क्स के लिए आयोजित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जेपीएससी में लगातार हो रहे विवादों के मद्देनजर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेपीएससी की परीक्षा के लिए नया रूल बनाने के लिए  विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित की थी, जिसमें विकास आयुक्त के अलावा वित्त विभाग के सचिव व कार्मिक सचिव को शामिल किया गया था और उसी उच्चस्तरीय कमिटी की अनुशंसा के आलोक में नए रूल की मंजूरी दी गई है।
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