सिटी पोस्ट लाइव: 2007 में औरंगाबाद-बिहटा परियोजना का शिलान्यास किया गया था, लेकिन अब तक इतने वर्ष पूरा होने के बावजूद भी यह अधूरा ही है. इसकी लागत पहले 25 करोड़ रुपये थी लेकिन लेटलतीफी के कारण अब इसकी लागत 9 गुना बढ़ गयी है. इस परियोजना को लेकर क्षेत्रवासियों की लगातार मांग रही है और लोगों का इसका बेसब्री से इन्तेजार भी है.
खबर के मुताबिक, रेलखंड को लेकर बजट में राशि का प्रावधान नहीं हो पा रहा था, जिससे परियोजना रुकी हुई थी, लेकिन पिछले कार्यकाल की अंतरिम बजट में नई रेल लाइन के निर्माण को लेकर 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. इसके अलावा बाकि राशि मुख्य बजट में मिलने की संभावना है ताकि निर्माण कार्य निर्धारित समय से पूरा किया जा सके.
वहीं अब राशि आवंटित होने के नई रेल लाइन पर फिर से काम शुरू होने की संभावना दिख रही है. हालांकि इस परियोजना की लागत अब 2800 करोड़ रुपये है. खबर के मुताबिक, नए बजट में भी भारतीय रेलवे के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल लाने की बात कहीं गई है जिससे उम्मीद बन रही कि इस नए कार्यकाल में इस परियोजना की कार्य आगे बढ़ेगी. इस परियोजना के तैयार हो जाने से आम लोगों को यातायात में सुविधा मिलेगी.