सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों ने दिया धरना

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर सोमवार को राजभवन के समक्ष विभिन्न आदिवासी संगठनों के साथ-साथ जनता दल यू (जदयू) ने धरना दिया। साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। धरना में मुख्य रूप से आदिवासी सेंगेल अभियान, केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद शामिल थे। संगठन के लोगों ने केंद्र सरकार को सरना आदिवासी धर्म कोड के प्रस्ताव को पास करने को लेकर 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। इस अवधि में मांग पूरी नहीं की जाती है तो आगामी 31 जनवरी को रेल, रोड चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई है। आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना धर्म कोड की मांग बहुत दिनों से लंबित है। इसे हार-हाल में लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में 2021 जनगणना का वर्ष है। लेकिन उसमें आदिवासियों को अब तक धार्मिक पहचान और मान्यता के साथ शामिल होने का न्याय और अधिकार प्राप्त नहीं है।
जबकि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत यह मौलिक अधिकार या फंडामेंटल राइट है। भारत देश को अपने आदिवासी नागरिकों को उनकी प्रकृति पूजा वाली जीवन दर्शन, भाषा संस्कृति, सोच संस्कार और मान्यताओं को जीवित और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए सरना धर्म कोड का दर्जा अविलंब दे देना चाहिए। आदिवासियों के धार्मिक मान्यता का मामला प्रकृति- पर्यावरण और मानवता की सुरक्षा और समृद्धि के साथ जुड़ा हुआ है। यह आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी  के लिए भी अनिवार्य है। मौके पर फूलचंद तिर्की, सत्यनारायण लकड़ा,  सागर कुमार, आशा शर्मा, सुबोध कांत,  इंद्रजीत सिंह आदि शामिल थे।
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