सिटी पोस्ट लाइव : पिछले कुछ दिनों पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विरोधी उनपर गायब होने का आरोप लगा जमकर निशाना साध रहे थे. लेकिन अब जब तेजस्वी यादव मिल गए हैं तो यही सवाल तेजप्रताप यादव के लिए उठने लगे हैं. दरअसल तेजप्रताप यादव पिछले कुछ दिनों से सक्रिय राजनीति से दूर हैं. वे कहां है इसकी जानकारी किसी को नहीं है. यहां तक कि पार्टी के लोगों को भी नहीं है.
दरअसल तेजप्रताप यादव बिहार विधान सभा के गैर सरकारी विधेयक एवं संकल्प समिति के सभापति बने हैं. उन्हें 17 दिसंबर को विधान सभा अध्यक्ष के साथ समिति के सभापति के तौर पर बैठक में शामिल होना था. लेकिन समिति की पहली बैठक में वो खुद ही नहीं आये. समिति के बाकी सभी 11 सदस्य बैठक में पहुंचे थे. लेकिन उनका कहीं पता नहीं था.
बता दें विधान सभा में कुल 22 समितियां हैं जिनके सभापति और सदस्यों का मनोनयन हो चुका है। इसमें से 6 समितियों में सभापति के तौर पर राजद के नेता, सात समितियों में भाजपा के नेता, पांच समितियों में जदयू के नेता सभापति बने हैं. सभापति और सदस्यों के मनोनयन के बाद सभी की बारी-बारी से विधान सभा अध्यक्ष के साथ बैठक हुई. इसमें सभी समितियों के सदस्य और सभापति ने हिस्सा लिया, लेकिन तेजप्रताप नहीं पहुंचे.
जिसके बाद से ये सवाल उठने लगा है कि ये बैठक तेजप्रताप के लिए अहमियत नहीं रखता या तेजप्रताप बिहार में हैं ही नहीं. अगर ऐसा है तो वो कहां हैं. जाहिर है यही सवाल कुछ दिनों पहले तेजस्वी के लिए उठे थे, जबकि वे लगातार ट्वीटर के माध्यम से नीतीश सरकार पर हमलावर थे.