सिटी पोस्ट लाइव : गया में नक्सलियों की साजिश को एक बार फिर से सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया है। सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया है। पिछले दिनों नक्सलियों की करतूत देखने को मिली थी।
मिलिट्री इंटेलिजेंस और सीआरपीएफ 159 बटालियन संयुक्त टीम ने नक्सलियों द्वारा जंगल में छिपा कर रखे गए हथियार को बरामद करने में सफलता पाई है। यह कार्रवाई संयुक्त टीम द्वारा इमामगंज के पड़रिया गांव के जंगली इलाके में की गई है जहां नक्सलियों की टीम ने कई हथियार और खाद्य सामग्री छिपा कर रखी हुई थी।
बरामद सामग्री में दो देसी पिस्टल, 15 राउंड कारतूस, मैगजीन रखने का खोल, दो मोबाइल फोन, तीन रायफल रखने वाला सीलिंग, नक्सली पर्चा और खान एवं पीने के कई सामान बरामद किए हैं। मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर पहुंची सुरक्षाबलों की टीम के यहां आने पर नक्सली संगठन का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं मिल, वहीं इस बरामदगी के बाद सुरक्षाबलों की टीम आसपास के इलाके में सर्च कर रही है।
बता दें कि गया जिला के विभिन्न इलाकों में नक्सलियों की टीम काफी सक्रिय हुई है। पिछले सप्ताह नक्सलियों की टीम ने बाराचट्टी के महुअरी में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान मुखिया के देवर वीरेन्द्र यादव और उनके सहयोगी जयराम यादव की अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी वहीं गोलीबारी में घायल एक अन्य ग्रामीण की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। गोलीबारी के बाद सुरक्षाबलों की टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें झारखंड सरकार से 10 लाख का इनामी नक्सली आलोक को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इन नक्सलियों के पास से इंसास और एके-56 रायफल के साथ कारतूस बरामद हुए थे।
गौरतलब है कि नक्सलियों ने 15 नवंबर की रात में डुमरिया थाना क्षेत्र के बोधि बिघा में 20 लाख की लागत से बनाए गए नए सामुदायिक भवन को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया था। इस सामुदायिक भवन का निर्माण पूर्व सीएम सह इमामगंज के विधायक जीतनराम मांझी द्वारा कराया गया था। इस दौरान नक्सलियों द्वारा एक पर्चा भी छोड़ा गया था जिसमें जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व एमएलसी अनुज कुमार सिंह पर करोड़ों रुपया बकाया होने का आरोप लगाते हुए उन्ह़े गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी।