महागठबंधन से AIMIM का किनारा, कहा- हम उनका हिस्सा नहीं हैं

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में विधानसभा के अध्यक्ष पद के चुनाव में बस कुछ घंटे ही बचे हैं, लेकिन उसके पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने अपना पक्ष साफ़ कर दिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख़तरुल ईमान ने बड़ा इशारा किया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव सर्वसम्मति से हो. ईमान ने कहा कि हम ये कोशिश सदन में वोटिंग के आख़िरी-आख़िरी तक करेंगे.
साथ ही उन्होंने साफ़ कर दिया कि हम महागठबंधन में शामिल नहीं हैं और न ही उनका हिस्सा. उन्होंने कहा कि हमसे NDA और महागठबंधन दोनों ने समर्थन मांगा है. मालूम हो कि मंगलवार को अध्यक्ष पद के लिए बिहार में दोनों ओर यानी एनडीए और महागठबंधन से नामांकन होने के बाद बुधवार को सदन में चुनाव लगभग तय है. ये बस कयास मात्र हैं कि सर्वसम्मति बनने पर मतदान से पूर्व शायद ही कोई एक पक्ष अपना प्रस्ताव वापस ले सकता है.

संख्याबल के आधार पर सता पक्ष का पलड़ा भारी दिख रहा है, लेकिन राजद की ओर से विधायकों से अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट डालने की अपील कर मुक़ाबला रोचक बनाने की तैयारी की जा रही है. सत्ता पक्ष की तरफ से जोड़-घटाव कर पूरी बिसात बिछा दी गई है. NDA के रणनीतिकार विधायकों से फ़ोन करके उन्हें सदन में आने का निर्देश दे रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो NDA के पास 126 विधायकों का समर्थन है, जिसमें से एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी शामिल है. वहीं BSP के विधायक जमा खान ने जो इशारा किया है वो भी NDA के लिए उत्साहवर्धक है. जमा खान ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष पद की एक गरिमा होती है, उसका सर्वसम्मति से चुनाव होना चाहिए. चुनाव हो रहा है ये ठीक नहीं है. जाहिर है हर बार स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से होता है. ना कि चुनाव करवा कर. ऐसे देखने को नहीं मिला कि पक्ष विपक्ष दोनों ही अपने उम्मीदवार को इस रेस में उतारा हो.

बता दें बिहार में पिछली बार स्पीकर की सीट जेडीयू के खाते में थी और भूमिहार समाज से आने वाले विजय चौधरी स्पीकर बने थे, ऐसे में जातिगत आधार पर भी स्पीकर की कुर्सी पर विजय सिन्हा का काबिज होना लगभग तय है. लेकिन आरजेडी ने अवधबिहारी चौधरी को उम्मीदवार बनाकर सत्ता पक्ष की मुश्किल बढ़ा दी है.तेजस्वी यादव ने आज कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि विधायक दल से ऊपर उठकर उनके उम्मीदवार को अध्यक्ष चुनेगें.अवधबिहारी चौधरी को मैदान में उतारकर तेजस्वी यादव ने विधान सभा अध्यक्ष के चुनाव को चुनौतीपूर्ण जरुर बना दिया है लेकिन संख्या बल के हिसाब से विजय सिन्हा का अध्यक्ष चुना जाना तय है.

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