स्वास्थ्य विभाग के नए नियम के अनुसार बिना फार्मासिस्ट के दवा दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा . प्रदेश में तक़रीबन 40,000 दवा दुकानें हैं, जबकि फार्मासिस्ट केवल चार हजार ही हैं.ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि क्या 360 00 दवा की दुकाने अब बंद हो जायेगीं ?
सिटी पोस्ट लाईव ; अब दवा की पुरानी दूकान को बचाए रखना और नै दवा की दूकान खोलना मुश्किल हो जाएगा.बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के नए नियम के अनुसार प्रत्येक दवा दुकान में फार्मासिस्ट रखना अनिवार्य होगा. बिना फार्मासिस्ट के दवा दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण संभव नहीं किया जाएगा.गौरतलब है कि प्रदेश में तक़रीबन 40,000 दवा दुकानें हैं, जबकि फार्मासिस्ट केवल चार हजार ही हैं.ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि क्या 36 00 दवा की दुकाने अब बंद हो जायेगीं.
राज्य के मुख्य औषधि नियंत्रक डॉ.आरके सिन्हा के अनुसार सरकार के नए निर्देश के अनुसार, अब उन दवा दुकानों को बंद करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा जिनके पास फार्मासिस्ट नहीं हैं.सरकार ने दवा दुकानों के लाइसेंस के लिए भी फार्मासिस्ट की डिग्री अनिवार्य कर दिया है.जाहिर है जो दवा दुकाने वगैर फार्मासिस्ट के चल रही हैं उनके ऊपर ताला लटक जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को बेहद पारदर्शी बनाया गया है . ऑनलाइन आवेदन करने एवं ऑनलाइन लाइसेंस जारी करने का प्रावधान किया गया है.अब न तो कोई ऑफलाइन आवेदन कर सकता है, न ही किसी को ऑफलाइन लाइसेंस मिलेगी. अब हर दुकानदार को फार्मासिस्ट का नाम बताना अनिवार्य कर दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दवा दुकान के लिए फार्मासिस्ट की डिग्री अनिवार्य किए जाने के बाद सूबे में लाइसेंस के लिए आवेदन में भारी कमी आई है. पिछले 20 दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने केवल 25 लाइसेंस ही जारी किये हैं.पहले हर महीने सैकड़ों लाइसेंस जारी होते थे .