सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत पर्यटकों को किसी भी आपात स्थिति में मदद देने के लिए 112-यूपी के कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आपात स्थिति में पर्यटकों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन दिक्कतों का समाधान कैसे किया जाए, इन बिन्दुओं को प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया गया है। इसके साथ ही बाहर से आने वाले पर्यटकों को किसी भी आपात स्थिति में भाषा सम्बन्धी दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए 112-यूपी में 18 विदेशी भाषाओं में बात करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेश में पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस विभाग की आपात सेवा 112 ने अपने कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया है। आपात स्थिति में पर्यटकों को किस तरह की मदद की आवश्यकता हो सकती है और उनको कैसे सहायता पहुंचायी जाए इस बारे में 112 की सहयोगी संस्था पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दे रही है। ताकि पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। अपर पुलिस महानिदेशक, असीम अरुण के मुताबिक प्रदेश सरकार ने अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था के तहत 112 को आपातकालीन नम्बर के रूप में चुना है। बीमार होने की स्थिति में पर्यटकों को 112 की तरफ से एम्बुलेंस की सहायता भी उपलब्ध करायी जाएगी। प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए 18 विदेशी भाषाओं में बात करने की सुविधा भी 112 में उपलब्ध है।
विदेशी भाषाओं में बात करने के लिए अनेक नागरिक वालंटियर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विदेशी पर्यटकों की संख्या को देखते हुए इंग्लिश, फ्रेंच, स्पैनिश, उर्दू, मलेशियन, कोरियन आदि भाषाओं के वालंटियर अपनी सेवाएं दे रहे हैं तथा विदेशी भाषा के कॉल आने पर सम्बंधित वालंटियर को कांफ्रेंस पर ले कर अनुवाद कराया जाता है। अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि प्रदेश के जनपद लखनऊ, आगरा, मथुरा, कुशीनगर आदि शहरों में पर्यटन पुलिस की सुविधा उपलब्ध है। इन शहरों में 112-यूपी पर्यटन पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर पर्यटकों को सहायता पहुंचाने का कार्य करती है। पर्यटन स्थलों पर पीआरवी पर्यटक और प्रशासन-जिला पुलिस के बीच सेतु के रूप में कार्य कर रही हैं।
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