सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बेंगलुरु से इंडिगो के विमान से रांची पहुंचा। रांची एयरपोर्ट स्थित ओल्ड बिल्डिंग में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। पूर्व आईएएस अधिकारी सजल चक्रवर्ती की इच्छानुसार उनका अंतिम घाघरा में उसी स्थान पर होगा, जहां उनके पालतू बंदर-बंदरिया को दफनाया गया था।
मुख्यमंत्री ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के बाद स्व. सजल चक्रवर्ती का संस्मरण करते हुए कहा कि उनका निधन प्रशासनिक, सामाजिक और मानवता के लिए एक बड़ी क्षति है। वे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे सभी लोगों के प्रति सहज और सरल थे। अपने जीवन काल में उन्होंने जिम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित कई अधिकारियों को उनके साथ कार्य करने का मौका मिला। उन्हें भी कुछ समय के लिए उनके साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस अवधि में उन्होंने पाया कि वे प्रशासनिक कार्यों को लेकर संजीदा और जिम्मेदार रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक वे बीमारी से ग्रस्त रहे, उनकी शारीरिक स्थिति को देखकर कई बार कुछ बातें सुनने को मिली परंतु अपने कार्यशैली में उन्होंने कभी अपने शरीर को लेकर बाधा नहीं आने दिया।
आज वे हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य हमारे दिलों में सदैव रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीव जंतु के प्रति उनका लगाव सभी जानते हैं। आज के समय में ऐसे व्यक्ति बहुत कम ही मिलते हैं जो जीव जंतु से इस कदर प्यार करते हैं। श्रंद्धाजलि सभा में राज्य के मुख्य सचिव, सभी अपर मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, सचिव सहित अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे। मिली जानकारी के अनुसार सजल चक्रवती का अंतिम संस्कार उसी जगह होगा, जहां उनके बंदर भोलू और बंदरिया शिल्पी को दफनाया गया था। हाल ही में शिल्पी और भोलू दोनों की मौत हो गयी थी। दोनों को घाघरा में दफन किया गया था। सजल चक्रवर्ती ने अपने करीबी लोगों से कहा था कि उनका अंतिम संस्कार इन्हीं दोनों के पास किया जाए।