नशा के सौदागरों के खिलाफ पुलिस अभियान में पांच दिनों में 120 लोग गिरफ्तार
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में नशा के सौदागरों के खिलाफ राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है। झारखंड पुलिस प्रवक्ता सह आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि एक नवंबर से 5 नवंबर तक नशा के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान में राज्य के 24 जिले से 94 908 किलो जावा महुआ जब्त किया गया है। जबकि 14 115 लीटर देशी शराब जप्त किया गया है। वहीं 3229 अंग्रेजी शराब की बोतल और 25 48 किलोग्राम डोडा तथा 6 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद किया गया है। इसके अलावा 639 किलो गांजा जब्त किया गया हैं। मामले में अब तक 123 लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं। इस दौरान 56 हजार रुपये, 23 बोतल कोरेक्स सिरप, 9572 पीस गुटखा, एक कार, एक बोलेरो, एक ट्रक, 400 लीटर स्प्रिट, 16 बाइक और 13 हजार 400 रुपये जुर्माना वसूला गया हैं। इसके अलावा 82 अवैध शराब अड्डों को ध्वस्त किया गया है।
सबसे ज्यादा गिरफ्तारी गिरिडीह जिले में
अवैध शराब और नशे के कारोबारियों में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी झारखंड के गिरिडीह जिले से हुई है। पांच दिनों में गिरिडीह जिले से 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं धनबाद से 16, चतरा से 13, देवघर से 10, खूंटी से 9, सरायकेला से 8, रांची- गढ़वा से 5, चाईबासा से 3, हजारीबाग- गुमला से 7, दुमका-सिमडेगा से 1, जमशेदपुर से1, पलामू से 1, जामताड़ा से 2, रामगढ़ -लातेहार से 2, कोडरमा से 4 , पाकुड़ से तीन और साहिबगंज से दो लोगों को गिरफ्तार किया हैं। झारखंड के दो जिलों में नशा के सौदागरों की एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इनमें गोड्डा और बोकारो जिला शामिल हैं।
हजारीबाग से सबसे ज्यादा जावा महुआ बरामद
राज्य के हजारीबाग जिले में सबसे ज्यादा 25730 किलो जावा महुआ बरामद किया गया हैं। दूसरे स्थान पर गिरिडीह जिले से 11541 किलो जावा महुआ बरामद किया गया हैं। तीसरे स्थान पर धनबाद जिले से 11516 किलो जावा महुआ बरामद किया गया हैं।
रांची नशे के सौदागरों के निशाने पर
राजधानी रांची नशे के सौदागरों के निशाने पर है। यहां नकली शराब, गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, नशीली टेबलेट, इंजेक्शन की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही थी। । ज्यादातर नशा का सामान स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों को बेचा जाता था। तस्कर नशीली दवाइयों के साथ चरस, स्मैक, ब्राउन शुगर जैसी हाइप्रोफाइल नशा तक मुहैया करवा रहे हैं। कुछ छात्रों को नशे के एवज में धंधा बढ़ाने की जिम्मेदारी तक दी जाती है। यही छात्र धंधे को स्कूल और कॉलेज के अंदर फैलाने का काम करते हैं। इन्हीं के माध्यम से अन्य छात्र नशे की गिरफ्त में आने लगते हैं। प्लान के तहत नशे का एक पूरा नेक्सेस काम करने लगता है। एनडीपीएस एक्ट के तहत विभिन्न थानों में अब तक 30 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि उत्पाद अधिनियम के तहत विभिन्न थानों में 50 से अधिक केस दर्ज किए गए है। वहीं नकली शराब, शराब बनाने की फैक्ट्री, नशीली गोलियां, इंजेक्शन, ब्राउन शुगर, अफीम, डोडा सहित कई अन्य नशीले पदार्थों के साथ कुछ आरोपित को भी पकड़ा गया था। बावजूद नशे का कारोबार थम नहीं रहा। क्योंकि पुलिस नशे के सौदागरों के सरगना तक नहीं पहुंच पाती है। लेकिन पुलिस मुख्यालय की ओर से राज्य के सभी जिलों में अभियान से पुलिस को लगातार कामयाबी मिल रही है।
झारखंड की जेलों में बंद 52 फीसदी कैदी हैं युवा
नेशनल क्राइम रिकार्ड (एनसीआरबी) के रिपोर्ट की मानें तो झारखंड की जेलों में बंद 52 फीसदी कैदी युवा है। इनकी उम्र 18 साल से लेकर 30 साल के बीच है। ये युवा नशे की लत को पूरा करने के लिए अपराध करते हैं। रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि इन दिनों में ज्यादातर अपराध की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी युवा हैं और नशे की लत को पूरा करने के लिए वो अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं।