सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: राजधानी लखनऊ के अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कमान सोमवार से अडानी समूह के हाथों में आ गई है। एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने से अब करोड़ों रुपए की नई योजनाओं को गति मिलेगी। राजधानी के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कमान अब अडानी समूह के हाथों में आ गई है। अडानी समूह 03 वर्षों तक एयरपोर्ट प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा। एयरपोर्ट के निदेशक को छोड़कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के करीब 124 एग्जीक्यूटिव, नॉन एग्जीक्यूटिव अधिकारी और कर्मचारी पहले की तरह काम करेंगे। वहीं एयरपोर्ट के विकास, प्रबंधन, निर्देशन और वित्तीय मामलों में फैसला अब अडानी समूह लेगा। यह एक तरह का संयुक्त प्रबंधन समझौता है जो एक साल तक चलेगा। इसके बाद 02 साल के लिए यही कर्मचारी डीम्ड डेपुटेशन पर अडानी समूह के लिए काम करेंगे। लखनऊ एयरपोर्ट पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) सुरक्षा संबंधी जिम्मेदारी संभालता रहेगा। निजी हाथों में जाने के बाद आज से सीआईएसएफ अडानी समूह के निर्देशन में काम करेगा। एयरपोर्ट पर फायर फाइटिंग सिस्टम और इंजीनियरिंग सेवाओं से जुड़ी जिम्मेदारी भी अडानी समूह के अधिकारी संभालेंगे।
लखनऊ एयरपोर्ट पर अभी किसी सुविधा शुल्क को बढ़ाया नहीं गया है। इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट की तर्ज पर यहां पर सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। एयरपोर्ट पर समांतर टैक्सी-वे बनाने का कार्य शुरू हो गया है। आने वाले समय में एयरपोर्ट की जमीन पर मॉल और होटल बनेगा। इसके साथ ही यहां पर यात्रियों के लिए और सुविधाएं भी बढ़ेंगी। एयरपोर्ट के निदेशक एके शर्मा ने बताया कि एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने से करोड़ों रुपए की लागत से नई योजनाओं को अब गति मिलेगी। इसमें करीब 1400 करोड़ रुपए की लागत से नए टर्मिनल टी-3 का निर्माण होना है। यहां पर 08 नए एप्रन बनाए जा रहे हैं। फायर फाइटिंग सिस्टम अपडेट होना है। इसके अलावा रनवे का विस्तार 2700 से 3500 मीटर होना है। दरअसल लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को अडानी समूह को देने का फैसला काफी पहले लिया जा चुका है। फैसले के तहत अब एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
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