लालू यादव की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी सीबीआई

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव यह उम्मीद कर रहे है नवंबर महीने में उनके जन्मदिन के मौके पर एक ओर बिहार विधानसभा में जीत के बाद सरकार बनाने का तोहफा मिलेगा, वहीं चारा घोटाले मामले में करीब तीन साल से रांची जेल में बंद उनके पिता की रिहाई भी सुनिश्चित हो जाएगी। दूसरी तरफ झारखंड उच्च न्यायालय से लालू प्रसाद को मिली जमानत के खिलाफ सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने का संकेत दिया है। सूत्रों की मानें तो अधिवक्ताओं से भी राय मशविरा कर ली गयी है और जल्द ही सीबीआई की ओर से लालू प्रसाद को मिले बेल के खिलाफ उच्च्तम न्यायालय में याचिका दायर कर दी  जाएगी।

आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद चारा घोटो के पांच मामले में आरोपी है, जिसमें से 4 मामले में उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दोषी करार देते हुए सजा दी गयी है।  सीबीआई कोर्ट की ओर से दी गई सजा के खिलाफ लालू प्रसाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें तीन मामले में उन्हें बेल मिला हुआ है, वर्तमान में दुमका मामले में उनकी जमानत याचिका पर 6 नवंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।  पिछले महीने उन्हें चाईबासा के दूसरे मामले में जमानत दी गई थी, झारखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ सीबीआई लालू प्रसाद की जमानत याचिका को खारिज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।

इधर, लालू प्रसाद के अधिवक्ता का कहना है कि चारा घोटाले मामले में  लालू प्रसाद यादव के कारावास की 42 महीने की अवधि आगामी 6 नवंबर को पूरा हो जाएगी। दुमका कोषागार से जुड़े अवैध निकासी के मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने सात वर्ष (84 महीने) की सजा सुनायी है। वर्ष 1997 और 2013 तथा वर्तमान में कारावास में रहने के कारण लालू प्रसाद ने कारावास में रहने की 42 महीने की सजा पूरी कर ली है और अगले महीने तीसरे महीने में उच्च न्यायालय से जमानत मिल जाने के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाने की संभावना है। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने  बताया कि दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद संभावना है कि 6 नवंबर को तीसरे मामले में उनकी ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई हो।

अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि दुमका कोषागार से 3.13करोड़ की अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनायी है। अधिवक्ता ने बताया कि वर्ष 1997 में और 2013 में और वर्तमान समय में कारावास में काट रहे सजा की अवधि को जोड़ कर 6 नवंबर तक 42 महीने का कारावास पूरा हो जाएगा, जो अदालत द्वारा दी गयी सजा की अवधि की आधी है, इसलिए इस मामले में हॉफ सेंटेंस पूरा करने और खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने की गुहार उच्च न्यायालय में लगायी है।

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